नई दिल्ली। महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने रविवार को कहा कि उन्होंने सरकार को लिखा है कि वह पद पर बने रहना नहीं चाहते और निजी स्तर पर वकालत में लौटना चाहते हैं। रोहतगी का कार्यकाल छह जून को समाप्त हो रहा था, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ा दिया है।
रोहतगी ने एक समाचार चैनल से कहा कि मैंने वाजपेयी सरकार में पांच साल तक विधि अधिकारी के रूप में काम किया था, और, अब नरेंद्र मोदी सरकार में तीन साल तक किया है। मैं निजी प्रैक्टिस की तरफ लौटना चाहता हूं..। मेरा सरकार से अच्छा रिश्ता है..इसीलिए मैंने सरकार को लिखा कि मेरा कार्यकाल न बढ़ाया जाए।
रोहतगी को जून 2014 में तीन साल के लिए महान्यायवादी नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल बीते छह जून को खत्म हो गया। लेकिन, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने तीन जून को उनके और अन्य विधि अधिकारियों के कार्यकाल की अवधि बढ़ा दी।