नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई राजनीतिक नहीं है। उन्होंने कहा कि गरीब का हित छीन लिया जाता है और मध्यम वर्ग का शोषण होता है। आखिर हम कब तक इन समस्याओं को लेकर गुजारा करेंगे।
बैंक लूटने के बाद जो आतंकी मारे गए उनके पास नए नोट मिले। इसपर नोटबंदी को दोष देना ठीक नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के समय में कमेटी ने नोटबंदी के बारे में बताया था। हालांकि वांचू कमेटी ने जब नोटबंदी के लिए रिपोर्ट दी थी तब इतनी समस्याएं नहीं थीं। दुश्मन देश में जाली नोट का कारोबार करने वाले को आत्महत्या करनी पड़ी।
पिछले कुछ दिनों में सबसे ज्यादा माओवादियों ने समर्पण किया है। पीएम मोदी ने कहा कि जब इतनी ज्यादा करंसी बैंकों के पास आई तो कर्ज देने की ताकत बढ़ी और ब्याज दर कम हुई। असम में चाय बागानों में काम करने वालों के लिए सरकार ने खाते खुलवाए। इस कारण उन्हें पूरा वेतन मिलने लगा।
नोटबंदी के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व में कहीं इतना बड़ा और व्यापक निर्णय नहीं हुआ इसलिए दुनिया के अर्थशास्त्रियों के पास भी कोई मापदंड नहीं है। पहली बार ऐसा हुआ कि जनता का मिजाज एक तरफ और नेताओं का मिजाज एक तरफ। नोटबंदी के इस मुद्दे पर अबकी सरकार और जनता साथ-साथ थी।
पीएम मोदी ने कहा कि यह देश अपनी बुराइयों से बाहर निकलने के लिए तड़प रहा है। डॉ. मनमोहन जी के नोटबंदी पर दिए गए भाषण पर मुझे लगा कि शायद (शोरगुल के बीच साफ सुना नहीं जा सका)। करीब 30-35 साल से भारत के आर्थिक निर्णयों के साथ उनका सीधा संबंध रहा है। बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना केवल डॉ. साहब (मनमोहन सिंह) ही जानते हैं।
मेरी और सीताराम येचुरी जी की विचारधारा अलग है, लेकिन इस विषय पर मैं सोचता था कि वह हमारे साथ होंगे। 26 अगस्त,1992 में ज्योति बसु ने कहा था कि इंदिरा गांधी की सरकार काले धन की वजह से है।
पीएम ने कहा कि स्वाभाविक है कि देश में कैशलेस का मतलब है कि धीरे-धीरे समाज को इस ओर ले जाना है। जिस देश को लोग अनपढ़ कहते हैं, वहां लोग बटन दबाकर वोटिंग करते हैं। दुनिया के कई देश पेपर पर वोट करते हैं। भीम ऐप से कोई कमीशन नहीं लेता। दुनिया कैशलेस की ओर जा रही है, भारत को इसमें पीछे नहीं रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि रिजर्व बैंक की मर्यादा है और गवर्नर को विवादों में लाना शोभा नहीं देता। आरबीआई के पूर्व गवर्नर डॉ. सुब्बाराव ने अपनी किताब में लिखा कि चिदंबरम ने उनकी मर्जी के खिलाफ और बिना परामर्श के लिक्विडिटी मैनेजर की नियुक्ति की। हमारी सरकार ने आरबीआई एक्ट में संसोधन करके उसे मॉनिटरी पॉलिसी की स्वतंत्रता दी है।
पीएम मोदी ने कहा कि छोटे छोटे देशों ने हमारे सामने स्वच्छता की मिसाल पेश की है। अपने देश में स्वच्छता मिशन में साथ देने के लिए मैं मीडिया का अभिनंदन करता हूं। गरीब महिलाओं को सरकार द्वारा 1.65 करोड़ से ज्यादा गैस के कनेक्शन दिए गए। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत एक करोड़ अकाउंट खुले हैं। मिशन इंद्रधनुष के तहत 55 लाख बच्चों को खोजकर टीके दिए गए।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण और किसानों के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं। किसान को सुरक्षा देनी है तो उसकी आय को सुरक्षित करना होगा। फसल बीमा योजना को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने काम किया है। नई फर्टिलाइजर पॉलिसी के तहत यूरिया की नीम कोटिंग से फायदा हो रहा है। हमारी सरकार ने दाल के उत्पादन को बढ़ावा दिया। इस बार 50 से 60 प्रतिशत उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए वनबंधु कल्याण योजना के तहत सफल काम किया है। आदिवासी इलाके में 300 ऐसे शहर बनाने का काम कर रहे हैं जहां बाजार उपलब्ध हों।
प्रधानमंत्री ने शेर के जरिए अपनी बात को कुछ इस तरह रखा, ‘शहर तुम्हारा, कातिल तुम, शाहिद तुम, हाकिम तुम, मुझे यकीन है मेरा ही कसूर निकलेगा।’ प्रधानमंत्री ने सदन के सभी सदस्यों का आभार जताते हुए राष्ट्रपति के उद्बोधन का समर्थन किया।