सबगुरु न्यूज-लखनउ। समाजवादी पार्टी में मुलायमसिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मध्य छिडी जंग थम गई है या कुछ और हुआ है कि समाजवादी पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर सबकुछ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के नाम से ही नजर आ रहा है।
वेबसाइट को देखकर यह कयास लगाना मुश्किल नहीं है कि इस पर मुलायमसिंह यादव और शिवपालसिंह यादव समर्थकों की बजाय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का नियंत्रण है।
समाजवादी पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट में अवर लीडरशिप लिंक में राम मनोहर लोहिया और मुलायमसिंह यादव का नाम लिखा हुआ है, लेकिन सपा इन उत्तर प्रदेश नाम के लिंक में सिर्फ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ही नाम लिखा है, जबकि शिवपालसिंह यादव वहां के प्रदेशाध्यक्ष हैं उनका नाम नहीं दिख रहा है।
इधर, वेबसाइट पर तीन घंटे पहले एक फोटो अपलोड की गई है। इसमें राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का पत्र है, जिसमें राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन के आयोजन स्थल बदलकर 1 जनवरी को 11 बजे राममनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय की बजाया जनेश्वर मिश्र पार्क गोमती नगर में किए जाने की सूचना है। जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के निष्कासन की घोषणा मुलायमसिंह यादव शुक्रवार शाम को ही प्रेस काॅन्फ्रेंस में कर चुके हैं। इसी वेबसाइट में 26 दिसम्बर को पार्टी प्रवक्ता दीपक मिश्र को रामगोपाल यादव का पूर्व निष्कासन वापस लेने का तो संदेश है, लेकिन अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का शुक्रवार को जारी निष्कासन पत्र की कोई सूचना अपलोडेड नहीं है। समाजवादी पार्टी की वेबसाइट और फेसबुक पेज पर हो रहे परिवर्तनों से यही कयास लगाया जा रहा है कि या तो मुलायम और अखिलेश में सुलह होने से शिवपालसिंह यादव को हाशिये पर पहुंचाने की तैयारी कर ली गई है या फिर सोशल मीडिया के इस युग में समाजवादी पार्टी की पिछली पीढी के नेता मुलायमसिंह यादव और शिवपालसिंह यादव ने पार्टी पर भले ही नियंत्रण बना लिया हो, लेकिन तकनीकी का महत्व समझने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का संगठन की वेबसाइट पर से कब्जा नहीं हटा पाए हैं।