जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने गुरुवार को राजे सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने सरकार से 13 सिविल लाइन के सरकारी आवास तथा प्रदेश में किसानों की गंभीर चिंताजनक स्थिति के बारे में अपनी मांगों के बारे में बेबाक बातचीत की।
क्या है 13 सिविल लाइन का मामला
तिवाड़ी ने सरकार से मांग की कि आगामी दस दिन के भीतर सरकार या तो 13 सिविल लाइन को विधिवत मुख्यमंत्री निवास घोषित करे अथवा मुख्यमंत्री इसे ख़ाली कर 8 सिविल लाइन जो मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास है वहां शिफ्ट हों। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा क़ानूनी रूप से चिन्हित मुख्यमंत्री आवास 8 सिविल लाइन की बजाय 13 सिविल लाइन में किए जा रहे क़ानूनी क़ब्ज़े का विरोध करते हुए इसे नियम विरुद्ध तथा प्रदेश की जनसंपदा की वैधानिक लूट बताया।
उन्होंने 13 सिविल लाइन पर अब तक किए गए ख़र्चे को सार्वजनिक करने, 13 सिविल लाइन को मुख्यमंत्री का अधिकृत आवास घोषित करने अथवा इसे ख़ाली करके मुख्यमंत्री के अधिकृत आवास 8 सिविल लाइन में जाने तथा राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन विधेयक 2017 को वापस लेने की मांग की।
ऐसा ना होने पर उन्होंने प्रदेशभर में दीनदयाल वाहिनी के माध्यम से राजस्थान की सम्पदा की रक्षा के लिए जनजागरण करने तथा लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनक्रांति आन्दोलन खड़ा करने तथा एकात्म सत्याग्रह करने की चेतावनी दी।
राज्य का किसान देश में सबसे अधिक प्रताड़ित
राज्य के किसानों की गम्भीर और हृदय विदारक स्थिति को लेकर उन्होंने सरकार से मांग की कि राजस्थान के ग़रीब किसानों के ऋण तुरंत माफ़ किए जाए। जिस प्रकार कारपोरेट जगत को व्यापार के लिए इंसेंटिव दिया जाता है, वैसे ही अन्नदाता किसानों को भी फ़सल के पहले खेती के लिए इंसेंटिव दिया जाए। खेती के लिए समयबद्ध रूप से मुफ़्त बिजली दी जाए तथा मनरेगा को खेती से जोड़ा जाए।
तिवाड़ी ने पुरज़ोर शब्दों में सरकार द्वारा कारपोरेट जगत के साथ षड्यंत्र रच कर लाए गए राजस्थान के किसानों की भूमि को हड़पने वाले राजस्थान विशेष विनिधान विधेयक 2016 को वापस लेने की भी मांग की।
तिवाड़ी ने कहा कि किसानों से जुड़ी इन मांगों को ना माने जाने पर दीनदयाल वाहिनी के प्रकोष्ठ किसान वाहिनी के माध्यम से इस अधिनियम के ख़िलाफ़ गांव-गांव जाकर अलख जगाएंगे तथा जनक्रांति आन्दोलन खड़ा किया जाएगा।