नई दिल्ली। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पानी के मीटर खरीदने में हुई कथित गड़बड़ी के मामले में पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। हालांकि एसीबी ने पूछताछ के लिए तारीख तय नहीं की है। वहीं दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने शीला दीक्षित को भेजे गए नोटिस की भाषा पर सवाल उठाया है।
एसीबी ने मंगलवार को शीला दीक्षित को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर पूछा है कि वह पूछताछ के लिए कब उपस्थित हो सकती हैं। वह महिला हैं और पूर्व मुख्यमंत्री भी रही हैं, लिहाजा उन्हें एसीबी दफ्तर आने से छूट मिली है।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल की 49 दिन की सरकार में पानी के ढ़ाई लाख मीटर खरीदने में गड़बड़ी होने की बात कहकर मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि इस मामले में किसी को नामजद नहीं किया गया, लेकिन जल बोर्ड के अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को कटघरे में खड़ा किया गया है। दूसरी ओर 400 करोड़ रुपए के टैंकर घोटाला मामले में भी शीला दीक्षित जांच का सामना कर रहीं हैं।
वहीं एसीबी प्रमुख मुकेश मीणा ने बुधवार को नोटिस की पुष्टि करते हुए कहा कि हमने शीला दीक्षित को वाटर मीटर घोटाले की जांच में सहयोग करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि महिला होने के कारण पूर्व सीएम को एसीबी मुख्यालय में पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है। इसके बजाय उनसे स्थान और तारीख बताने के लिए कहा गया है।
दूसरी ओर शीला दीक्षित ने इस पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि जब मुझे नोटिस मिलेगा, तब मैं तय करूंगी कि मुझे क्या करना है। वहीं दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा समन की भाषा पर भड़क उठे हैं।
उन्होंने समन पर सवाल उठाते हुए कहा कि शीला को भेजे गए समन में लिखा गया है कि जब भी संभव हो वह एसीबी से मुलाकात करने आ सकती हैं और वह न आ सकें तो एसीबी के अधिकारी खुद उनके पास आ जाएंगे।
मिश्रा ने सवाल किया कि क्या किसी आरोपी को समन भेजने का यह तरीका है? मुझे लगता है कि केंद्र सरकार ने एसीबी को खास निर्देश दिया है कि शीला को नाखुश न किया जाए।
इस बयान पर एसीबी चीफ मुकेश मीणा ने कपिल मिश्रा को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जांच प्रक्रिया का भी मखौल बना रहे है। यह सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान जिससे आवश्यक लगा उससे पूछताछ करेंगे। दिल्ली सरकार को पता नहीं है कि जांच एजेंसी क्या काम कर रही है? कैसे करती है इसीलिए वो आरोप लगाना बंद करें।