जयपुर। सशक्त लोग होंगे तो सशक्त समाज होगा और सशक्त समाज होगा तो सशक्त राष्ट्र होगा। सरकार का कार्य जनता की शक्ति को स्मरण कराना है इसलिए भारत की जनता को अपनी शक्ति को याद करके आगे बढ़ना होगा जिसके बलबूते हम विश्व में सिरमौर बन सकते है।
यह बात केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री उमा भारती ने चन्दवाजी स्थित प्रताप विश्वविद्यालय के सभागार में शुक्रवार को आयोजित स्व. बीना सिंह (वाइस चेयरपर्सन-महाराणा प्रताप ग्रुप) की मूर्ति के अनावरण, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) केन्द्र के उद्घाटन व मेधावी छात्र सम्मान समारोह समारोह में कही।
स्व. बीना सिंह महाराणा प्रताप ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन थी। उमा भारती ने कहा कि समाज सेवा में व शिक्षा को बढ़ावा देने में महिलाओं का भी अतुलनीय योगदान रहा है। बीना सिंह उन्हीं में से एक थीं।
भारती ने कहा कि मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री है जिनकी वजह से हमें हिन्दुस्तानी होने पर गर्व है। मोदी के सपनों को साकार करने में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की अहम भूमिका है। यह केन्द्र पूरे प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिलाने में अहम किरदार निभाएगा।
उन्होंने स्व. बीना सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ग्रुप को स्थापित करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गंगा की सफाई पर उन्होने कहा कि सरकार एक बार सफाई करा सकती है पर किसी भी नदी को निरंतर साफ रखने के लिए समाज के हर व्यक्ति के सहयोग की आवश्यकता है।
किसानों की समस्याओं पर उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज लेने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी यदि उनको बीज, खाद और पानी के लिए बिजली समय पर उपलब्ध हो। ऐसे किसान बड़ी बड़ी कंपनियों को कर्ज देने की स्थिति में आ जाएंगे।
नारी सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि 21वीं सदी की विजेता ही नारी शक्ति है और समाज को नारी के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा। महिलायें न देवी हैं न दासी।
उद्घाटन के बाद उमा भारती ने प्रताप विश्वविद्यालय के डीडीयू-जीकेवाई केन्द्र के इलेक्ट्रानिक लैब, सेल्स लैब, ट्रेवल एण्ड टूरिज्म लैब का निरीक्षण किया। उन्होनें इलेक्ट्रानिक लैब में पर्याप्त संख्या में कम्प्यूटर होने पर प्रसन्नता जाहिर की। आधुनिक संशाधनों से युक्त सेल्स लैब व ट्रेवल एण्ड टूरिज्म लैब को छात्रों के भविष्य के लिये बेहतर बताया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के विधायक सलिल विश्नोई ने कहा कि कौशल विकास योजना की वजह से ही आज बाजार में कुशल कामगार आसानी से मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीना सिंह ने अपने जीवन काल में शिक्षा को समृद्ध करने के उददे्श्य से महाराणा प्रताप ग्रुप के जरिए विभिन्न संस्थानों की स्थापना करवाई।
अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के चांसलर आरएस भदौरिया ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिसकी उपयोगिता को कभी नकारा नही गया। विद्वान हमेशा से ही पूज्यनीय रहा है। शिक्षा को और अधिक सार्थक बनाने के लिये कौशल विकास विषयक कार्यक्रमों की जरूरत है, जिसको पूरा करने के लिए ही महाराणा प्रताप ग्रुप ने भी डीडीयू-जीकेवाई केन्द्रों की स्थापना कर युवायों के वेहतर भविष्य निर्माण को कृत संकल्प है।
महाराणा प्रताप ग्रुप के सचिव शैलेन्द्र भदौरिया ने कहा दिल्ली, उप्र, राजस्थान व मध्य प्रदेश में महाराणा प्रताप समूह शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है। रोजगार परक शिक्षा ही क्वालिटी एजूकेशन कैरियर में अहम् रोल अदा करती है। प्रताप विश्वविद्यालय का डीडीयू-जीकेवाई केन्द्र आधुनिकतम संसाधनों से परिपूर्ण है। जिससे यहां आने वाले छात्रों में कौशल का विकास अच्छी तरीके से होगा। क्योंकि बेहतर क्वालिटी ही इस प्रतिस्पर्धात्मक जीवन में निर्णायक भूमिका अदा कर सकती है।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. आशुतोष द्विवेदी ने कार्यक्रम में अथितियों का स्वागत किया व सम्मानित हुए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में प्रतिभाशाली और विभिन्न विभागों के टापर विद्यार्थियों 2012 बैच के बीटेक (सिविल, एमई, सीएसई, ईसीई, ईई) के अंशू कुमार, अन्जनी, साक्षी सेंगर, प्रवीन व सरफराज अहमद को, 2013 बैच के बीबीए के प्रिंस, बीसीए के संतोष एमबीए के ललित, एमबीए (एचएम) के हरेन्द्र सिंह को, वहीं 2015 बैच के बी.टेक. के रामप्रसाद, डिप्लोमा इंजी. के आशीष रंजन, बीफार्मा के मीनल शर्मा, एमबीए के निखिल व बीसीए के राहुल शर्मा को मुख्य अतिथि उमा भारती द्वारा गोल्ड मैडल से नवाजा गया।