सूरत। राजद्रोह के मामले में न्यायिक हिरासत में कैद और तीन दिन से अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल ने बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर चिकित्सकों की सलाह के बाद शनिवार सुबह से पानी पीना शुरू कर दिया है।
चिकित्सको के मुताबिक खाना नहीं खाने और पानी नहीं पीने के कारण शरीर में एसीटोन की मात्रा बढ़ गई थी, जो स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता था। लेकिन, तीन बार किए गए रिपोर्ट में एसीटोन की मात्रा घट रही है और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा होने का चिकित्सकों ने बताया।
जेल में अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल की तबीयत शुक्रवार रात अचानक बिगडऩे के बाद जेल प्रशासन की ओर से रात को उसे न्यू सिविल अस्पताल लाया गया। यहां पर उसने चक्कर आने, कमजोर महेसूस कर रहा होने के साथ लघवी नहीं हो रही होने की शिकायत की थी। आपातकालिन विभाग के सीएमओ ने उसे मेडिकल विभाग में रैफर कर दिया था। ट्रोमा सेंटर में भर्ती किए जाने के बाद चिकित्सकों ने ब्लड और यूरिन टैस्ट के लिए नमूने भेजे थे।
रिपोर्ट में एसीटोन नाम के तत्व की अधिक होने का पता चलने के बाद उसे प्रिजनर वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू किया गया है। शनिवार दोपहर को अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉ. महेश वाडेल ने हार्दिक के उपचार और स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देते हुए कहा एसीटोन की मात्रा बढऩे से जान का खतरा बढ़ जाता है। यह तत्व बढऩे से किडऩी और लिवर पर असर होता है और व्यक्ति कोमा में जा सकता है।
हार्दिक का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने उसे एसीटोन की मात्रा और उससे स्वास्थ्य पर होने वाले असर के बारे में बताया और उसे पानी पीने की सलाह दी। पहले तो उसने इनकार कर दिया, लेकिन बाद में चिकित्सकों की सलाह मान कर उसने पानी पीना शुरू कर दिया है। डॉ. वाडेल ने बताया कि पानी पीने की शुरुआत करने के बाद तीन बार ब्लड और यूरिन टैस्ट किया गया। तीनों रिपोर्ट में क्रमश: एसीटोन की मात्रा घटती दिखी।
उन्होंने कहा कि हार्दिक के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और जैसे ही नोर्मल स्थिति में आता है उसके बाद उसे छूट्टी दे दी जाएगी। गौरतलब है कि राज्य की विभिन्न जेल में कैद पाटीदार युवाओं की मुक्ति और आरक्षण की मांग तथा जेल प्रशासन की ओर से खाने के साथ छेड़छाड़ की जा रही होने का आरोप लगाते हुए हार्दिक ने18 फरवरी से अन्न और जल का त्याग कर जेल में ही अनशन शुरू कर दिया है।
न्यू सिविल अस्पताल में किले बंदी से मरीज और लोग परेशान
हार्दिक पटेल को उपचार के लिए शुक्रवार रात से न्यू सिविल अस्पताल के प्रिजनर वार्ड में भर्ती किए जाने के बाद पुलिस की ओर से अस्पताल में किले बंदी कर दी गई है। प्रिजनर वार्ड के साथ-साथ अस्पताल के पीछले गेट पर पुलिस बंदोबस्त तैनात कर दिया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किया पुलिस बंदोबस्त अन्य मरीज और उनके परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। पुलिस की ओर से पीछले गेट से किसी को भी अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। मरीजों के साथ-साथ शनिवार को अस्पताल के चिकित्सक भी पुलिस की इस सती का शिकार बने। पुलिस ने चिकित्सकों भी अंदर जाने से रोक लिया। हालांकि पूछताछ के बाद उन्हें अंदर दाखिल होने दिया।
हार्दिक की मुंह बोली बहन ने मचाया हंगामा
न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती हार्दिक पटेल से मिलने कतारगाम क्षेत्र निवासी उसकी मुंह बोली बहन जयश्री शनिवार सुबह अस्पताल पहुंची और हार्दिक से मिलने की जिद्द करने लगी। लेकिन पुलिस ने उसे गेट पर ही रोक लिया। इसके बाद उसने और उसके साथ आए पाटीदारों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। जयश्री ने कहा कि हार्दिक उसका भाई है और वह उससे मिलना चाहती है, लेकिन पुलिस ने कहा कि हार्दिक खुद नहीं मिलना चाहता है।
जयश्री ने कहा कि उसे जाकर सिर्फ कहों कि जयश्री मिलना चाहती है वह मिलने के लिए तैयार हो जाएगा, लेकिन पुलिस ने उसकी एक बात नहीं मानी और उसे अस्पताल में प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद जयश्री ने कहा कि आंतकवादियों को मिलने देते हो और हार्दिक को क्यों नहीं। उसने चेतावनी दी कि 48 घंटे में हार्दिक ठीक नहीं होगा तो वह खुद लाजपोर जेल के बाहर अनशन पर बैठ जाएगी।
हार्दिक की जमानत याचिका पर फिर सुनवाई टली
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के समन्वयक हार्दिक पटेल की नियमित जमानत याचिका पर शनिवार को सेशन कोर्ट में फिर एक बार सुनवाई टल गई। बचाव पक्ष की ओर से मुद्दत मांगने पर कोर्ट ने मुद्दत अर्जी मंजूर करते हुए सुनवाई के लिए 24 फरवरी का दिन तय किया। राजद्रोह के आरोप में चार महीने से न्यायिक हिरासत में कैद हार्दिक पटेल ने कोर्ट में चार्जशीट पेश होने के बाद सेशन कोर्ट से जमानत के लिए गुहार लगाई है।
लंबे समय से याचिका पर सुनवाई टलती आ रही है। शनिवार को सेशन कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले हार्दिक के अधिवक्ता यशवंत वाला ने कोर्ट के समक्ष मुद्दत अर्जी पेश की। उन्होंने कोर्ट से कहा कि जांच अधिकारी की ओर से शपथपत्र पेश किए जाने के बाद इसके जवाब के लिए उन्हें हार्दिक पटेल से बातचीत करनी है, लेकिन जेल प्रशासन की ओर से उन्हें हार्दिक से मुलाकात करने नहीं दी जा रही है।
इसलिए उन्हें जवाब पेश करने के लिए समय दिया जाए। कोर्ट ने बचाव पक्ष की मुद्दत अर्जी मंजूर करते हुए सुनवाई 24 फरवरी तक टाल दी। गौरतलब है कि पुलिस के खिलाफ दिए भड़काउ बयान को लेकर 18 अक्टूबर को अमरोली थाने में हार्दिक के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर 19 अक्टूबर को उसे राजकोट से गिरतार कर लिया था, तब से वह न्यायिक हिरासत में कैद है।
जेल प्रशासन ने जवाब पेश करने के लिए मांगा वक्त
हार्दिक पटेल से मिलने नहीं देने पर शुक्रवार को अधिवक्ता यशवंत वाला की ओर से सेशन कोर्ट में दायर की गई याचिका पर रिपोर्ट और जवाब पेश करने के लिए जेल प्रशासन की ओर से समय की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए अर्जी पर सुनवाई 20 फरवरी तक टाल दी।
शुक्रवार को अधिवक्ता वाला ने हार्दिक पटेल से मिलने जाने पर जेल प्रशासन की ओर से उनके साथ अभद्र बर्ताव करने और हार्दिक के खाने के साथ छेड़छाड़ तथा उसे प्रताडि़त किया जा रहा होने के आरोप के साथ सेशन कोर्ट को अर्जी सौंपी थी और मांग की थी कि हार्दिक को कोर्ट के समक्ष पेश करने का जेल प्रशासन को आदेश दिया जाए।
कोर्ट ने जेल प्रशासन के खिलाफ नोटीस जारी कर शनिवार को रिपोर्ट के साथ कोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेशानुसार शनिवार को जेल प्रशासन के अधिकारी कोर्ट के समक्ष पेश हुए। अधिकारियों ने कोर्ट से रिपोर्ट और जवाब पेश करने के लिए वक्त की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर ली और अर्जी पर सुनवाई के लिए 20 फरवरी का दिन तय किया।