दावोस। भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने खुली बाजार अर्थव्यवस्था का पक्ष लिया और कहा कि संपत्ति सृजन को रोका नहीं जाना चाहिये क्योंकि समाज में संपत्ति वितरण के लिये संपत्ति सृजन आवश्यक है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति और औद्योगिक नवप्रवर्तन के लिये तैयार है। खासतौर से ऐसे समय में, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे मजबूत नेता भारत का नेतृत्व कर रहे हैं। हाल ही में नोटबंदी के कदम से यह साबित हो गया है और इस दौरान डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला है।
विश्व आर्थिक मंच डब्ल्यूईएफ की सालाना बैठक में यहां एक सत्र में भाग लेते हुये मुकेश अंबानी ने यह बात कही। इस अवसर पर उनके साथ इन्फोसिस के प्रमुख विशाल सिक्का भी मंच पर थे। सिक्का ने भी कहा कि नोटबंदी ने दुनिया को यह बता दिया है कि भारतीय नई प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिये तैयार हैं।
सिक्का ने इस मौके पर कहा, ‘‘जब हम चौथी औद्योगिक क्रांति, कृत्रिम आसूचना तंत्र और दूसरी तरफ की प्रौद्योगिकियों को अपनाने की बात करते हैं । तो हमें इस बात को लेकर सतर्क रहना होगा कि इससे समाज में कोई बड़ा विभाजन नहीं हो।’’
सिक्का से जब यह पूछा गया कि नई प्रौद्योगिकी को अपनाने से भारत में क्या सामाजिक स्तर पर गड़बड़ी का जोखिम है? इसके जवाब में सिक्का ने कहा कि भारत एक युवा देश है जो कि प्रौद्योगिकी के लिहाज से काफी आगे है इसलिये इसमें व्यापक अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का उदाहरण आपके सामने है। इससे पता चलता है कि भारतीय नई चीजों को अपना सकते हैं।