भोपाल/इंदौर। नए साल में इस बार पिछले साल की अपेक्षा 6 दिन ज्यादा शहनाइयां गूंजेंगी। अप्रेल में सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होने से सभी 12 राशि वालों का विवाह बिना सूर्यबल के हो सकेगा।
जबकि पिछली बार सिंहस्थ पर्व होने की वजह से अप्रेल माह से ही मांगलिक कार्यों में रोक लग गई थी परंतु इस बार अप्रैल में मांगलिक कार्य होने से शहनाइयों की गूंज 46 दिन तक गूंजेंगी।
पंडितों के अनुसार इस वर्ष नया संवत्सर 2074 प्रारंभ होने के पूर्व विवाह के केवल 11 मुहूर्त है। पंडितों का कहना है कि अप्रेल माह में विवाह के मुहूर्त की तिथियां हैं। अप्रेल में चार दिन वैवाहिक मुहूर्त रहेंगे, जिनमें 18, 19, 28 व 29 को खूब शादियां होंगी।
इसके अलावा मई में 4, 6, 12, 16, 21, 22, 26, 27 व 31, जून में 2, 3, 6, 7, 8, 18, 19, 27, 28, 30 तथा जुलाई में 1, 2, 3 तारीख को विवाह की तिथियां हैं।
चार जुलाई से फिर देवताओं का शयन होगा, जो 31 अक्टूबर तक रहेगा। इस समयावधि में वैवाहिक व मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। हालांकि पंडितों का कहना है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार छह दिन अधिक शादी-ब्याह का मुहूर्त रहेगा।
गत वर्ष 2016 में 40 दिन वैवाहिक मुहूर्त थे लेकिन इस बार 46 मुहूर्त होने से खूब शादियां होंगी।
11 अक्टूबर से 6 नवंबर तक गुरू तारा रहेगा अस्त पंडितों के अनुसार 11 अक्टूबर से 6 नवंबर तक गुरू का तारा अस्त रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे।
देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर में 23, 28, 29 तथा 5, 3, 4, 10, 11 की तिथियां हैं।
वर्तमान में 15 दिसम्बर से 14 जनवरी तक मलमास है जिसके कारण मांगलिक कार्यों पर रोक लगी है। मलमास समाप्ति के बाद 16 जनवरी से फिर मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।