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स्मॉलकैप, मिडकैप सूचकांक ने सेंसेक्स को पछाड़ा - Sabguru News
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स्मॉलकैप, मिडकैप सूचकांक ने सेंसेक्स को पछाड़ा

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स्मॉलकैप, मिडकैप सूचकांक ने सेंसेक्स को पछाड़ा
Sensex logs fresh record closing high of 33940, Nifty breaches 10500 mark
Weekly Review : Small Cap and Mid Cap Index overtakes Sensex
Weekly Review : Small Cap and Mid Cap Index overtakes Sensex

मुंबई। बीते सप्ताह शेयर बाजारों में तेजी दर्ज की गई और बीएसई (बंबई स्टॉक एक्सचेंज) के स्मॉलकैप, मिडकैप सूचकांक में सेंसक्स से बेहतर प्रदर्शन किया।

शुक्रवार को खत्म हुए सप्ताह में साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 331.09 अंकों या 1 फीसदी की तेजी के साथ 31.524.68 पर तथा निफ्टी 126.60 अंकों या 1.3 फीसदी की तेजी के साथ 9,837.40 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 482.19 अंकों या 3.27 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 15,208.46 पर बंद हुआ तथा स्मॉलकैप सूचकांक 581.62 अंकों या 3.87 फीसदी की तेजी के साथ 15,617.95 पर बंद हुआ।

सोमवार को सकारात्मक वैश्विक संकेतों के असर से सेंसेक्स 235.44 अंकों या 0.75 फीसदी कीतेजी के साथ 31,449.03 पर बंद हुआ। मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के कारण बाजार बंद रहे। बुधवार को सेंसेक्स 321.86 अंकों या 1.02 फीसदी की तेजी के साथ 31,770.89 पर बंद हुआ। गुरुवार को सेंसेक्स 24.57 अंकों या 0.08 फीसदी की तेजी के साथ 31,795.46 अंकों पर बंद हुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स 270.78 अंकों या 0.85 फीसदी की गिरावट के साथ 31,524.68 अंकों पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे- टाटा स्टील (4.91 फीसदी), सिप्ला (4.24 फीसदी), हिन्दुस्तान यूनीलीवर (4.06 फीसदी), एचडीएफसी (2.41 फीसदी), सन फार्मा (4.14 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (0.72 फीसदी), कोल इंडिया (3.16 फीसदी), एक्सिस बैंक (0.15 फीसदी), एचडीएफसी (0.13 फीसदी), पॉवरग्रिड (1.87 फीसदी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (1.87 फीसदी) प्रमुख रहे।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में इंफोसिस (6.55 फीसदी) रहा। व्यापक आर्थिक आंकड़ों के मोर्चे पर मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर जुलाई में 1.88 फीसदी रही, जबकि जून में यह 0.90 फीसदी और साल 2016 के जुलाई में 0.63 फीसदी थी।

वहीं, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का मई का संशोधित आंकड़ा 2.8 फीसदी रहा। पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट के कारण इसमें साल 2016 के सितंबर के बाद से सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ा जुलाई में 2.36 फीसदी रहा, जबकि जून में यह 1.46 फीसदी था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में बताया गया कि लगातार 12वें महीने जुलाई में निर्यात में तेजी बरकरार रही और साल-दर-साल आधार पर यह 3.94 फीसदी अधिक रही और कुल 22.54 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। जुलाई में आयात में 15.42 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 33.99 अरब डॉलर दर्ज किया गया।

वैश्विक मोर्चे पर जापान के निर्यात में जुलाई में एक साल पहले की तुलना में 13.4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। अमरीका के फेडरल ओपेन मार्केट कमिटी की जुलाई के बैठक के आंकड़े बुधवार को जारी किए गए, जिसमें फेड के कुछ सदस्य अमरीकी श्रम बाजार में आई सिकुड़न से चिंतित दिखे। वहीं, अन्य सदस्यों ने अमेरिका में मुद्रास्फीति में कमी के आंकड़ों पर चिंता जताई।