कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना जिले के भांगर में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के बाद रविवार को इलाके में राजनीतिक पारा फिर चढ़ गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पंचायत नेता असीकुर रहमान (48) के सिर में किसी ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। उन्हें गोली कैसे और क्यों मारी गई, हम तहकीकात कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने एक बिजली उपकेंद्र बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण की थी, इसके बाद से ही क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है।
तृणमूल कांग्रेस ने इस हत्या के लिए भूमि आंदोलन चलाने वाले एक संगठन ‘जमी, जीविका, परिवेश ओ वास्तुतंत्र रक्षा समिति’ के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि समिति का दावा है कि तृणमूल के गुटीय संघर्ष में पंचायत नेता की मौत हुई है।
यह घटना ठीक उसी दिन हुई, जब समिति ने वाममोर्चा के साथ मिलकर भांगर में एक रैली आयोजित की, जिसमें अधिग्रहीत जमीन ग्रामीणों को वापस देने की मांग की गई।
समिति का कहना है कि रैली को बाधित करने के लिए तृणमूल कार्यकर्ता क्षेत्र में जुट गए। रहमान पर गोली उनकी अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता ने चलाई।
इसके विपरीत तृणमूल के स्थानीय नेतृत्व ने इलाके में तनाव फैलाने और रहमान की हत्या के लिए समिति के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया।
पार्टी नेता कैजार अहमद ने कहा कि रहमान तृणमूल के समर्पित कार्यकर्ता थे। हमें लगता है कि समिति के किसी सदस्य ने उन्हें गोली मारी। यहां हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कोई गुटीय संघर्ष नहीं हुआ। पार्टी एकजुट है।
इस घटना के बाद सरकार ने क्षेत्र में विद्युत उपकेंद्र परियोजना स्थगित किए जाने की आधिकारिक घोषणा की और कहा कि अगर ग्रामीण नहीं चाहते तो उनकी जमीन नहीं ली जाएगी।