कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सात जिलों की 56 विधानसभा सीटों के लिए शाम 5 बजे तक मतदान 79.70 प्रतिशत रहा। छिटपुट झड़पों के बीच आमतौर पर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने मीडिया को बताया कि पश्चिम बंगाल के दूसरे चरण में भारी मतदान की खबरें हैं। उत्तर बंगाल के छह जिलों, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग,उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और माल्दा तथा दक्षिण बंगाल की बीरभूम सीट से चुनाव लड़ रहे 383 प्रत्याशियों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करते हुए कुल 1.2 करोड़ से अधिक मतदाताओं में करीब 79.70 प्रतिशत ने मतदान किया।
उन्होंने बताया कि बीरभूम जिले के तहत आने वाली सात विधानसभा सीटों दुबराजपुर, सूरी, नलहाटी, रामपुरहाट, सैन्थिया, हंसन और मुराराई को नक्सल प्रभावित बताते हुए यहां मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रखा गया था। शेष विधानसभा सीटों पर मतदान शाम 6 बजे तक चला। मतदान के लिए 15,962 ईवीएम और 1,968 वीवीपीएटी की व्यवस्था की गई थी।
मतदान के लिए 13,600 से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे, जिनमें से 2,909 केंद्रो को चुनाव आयोग ने अतिसंवेदनशील घोषित किया था। माल्दा और उत्तर दिनाजपुर जिलों में ऐसे अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या सर्वाधिक रही।
सभी मतदान परिसरों की निगरानी केंद्रीय पुलिस बल कर रहे थे और राज्य पुलिस को मतदाता लाइनें संभालने का जिम्मा सौंपा गया था। कुल मिलाकर 700 निगरानी अधिकारी तैनात किए गए थे।
इस दौरान मालदा के इंग्लिश बाजार विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 96 के सामने माकपा और तणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़प हुई जिसमें तृणमूल के पोलिंग एजेंट सहित दो लोग घायल हो गए। वहीं तृणमूल कांग्रेस के पोलिंग एजेंट ने माकपा द्वारा कथित रूप से बूथ में गड़बड़ी करने का विरोध किया था जिसके बाद संघर्ष शुरू हो गया।
मतदान अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्ष के लोगों ने एक दूसरे पर लाठियां चलायीं और केंद्रीय बलों को उन पर काबू पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस का एजेंट अनूप सरकार घायल हो गया और उसे तत्काल ही मालदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके कारण यहां करीब 45 मिनट के लिए मतदान रोक दिया गया और बाद में केंद्रीय बलों के वहां पहुंचने के साथ दोबारा मतदान शुरू हुआ।