नई दिल्ली। वीजा में गड़बड़ी और नौकरानी की तनख्वाह में धांधली करने के अमरीकी प्रशासन के आरोप का सामना कर रही भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे ने स्वयं पर लगे आरोपों को निराधार बताया और कहा कि अपने देश में लोगों ने उन पर विश्वास नहीं किया जिससे वह बहुत दुखी हैं।…
देवयानी ने इन आरोपों के बाद पहली बार पत्रकारों से कहा कि अमरीका के आरोपों से मैं उतना आहत नहीं हूं, जितना भारत में अपने लोगों द्वारा की जाने वाली टिप्पणियों से हूं। अब तक मेरी अवधारणा थी कि मैंने जो अपराध किया ही नहीं, उसकी सजा भुगतने से मैं बच गई। मैंने कोई भी गैर कानूनी काम नहीं किया है।
न्यूयार्क में भारत की वाणिज्य महादूत रह चुकी देवयानी ने आरोप लगाया कि जब उनकी नौकरानी संगीता के गायब होने की बात सामने आई थी तो अमरीकी प्रशासन ने उनकी मदद नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मेरी यह चिंता थी कि आखिर उसे क्या हो गया है। मैंने जब उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखानी चाही तो इस मामले में मुझे कोई समर्थन ही नहीं मिला था।
उन्होंने कहा कि हाल ही संगीता के वकील की तरफ से उन्हें धमकी भरे तीन काल आए जिसमें उन्होंने कहा कि यदि वह अदालत के बेवजह के चक्कर काटने से बचना चाहती हैं तो मामले को ले देकर रफा दफा कर दें। उन्होंने फोन करने वाले वकील को अपने कार्यालय आकर सीधे उनसे बातचीत करने का आग्रह किया है।
खोबरागडे ने बताया कि नौकरानी ने उन्हें उनके कार्यालय में फोन करके कहा कि वह घर से बाहर रहने की उसे अनुमति दे लेकिन उसे कहा गया कि उसका वीजा उसे इस तरह से काम करने की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने कहा कि तब तक उन्हें मालूम नहीं हुआ था कि उनकी नौकरानी अपने घर में रहना ही नहीं चाहती है।
उनका कहना था कि किसी परिवार का कोई सदस्य कैसे उसे प्रताडित कर सकता है जिनके बच्चे की देखभाल वह उनकी अनुपस्थिति में करती है। अपने वीजा के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी छिपाया नहीं गया है। उन्होंने कहा कि वीजा फार्म पर 4500 डालर का वेतन देने की बात कही गई थी और उसे वह पैसा मिल रहा था।
उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को जब मैं अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर बाहर आ रही थी तभी मैंने देखा कि एक महिला और एक पुरूष उनका इंंतजार कर रहे हैं। मैंने जब उनसे पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, वे डिप्लोमेटिक ब्यूरो सेक्यूरिटी के सदस्य हैं और उनके पास मेरे खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट है।
उन्होंने कई बार मेरे अनुरोध करने के बाद मुझे यह वारंट दिखाया। उन्होंने बताया कि ब्यूरो के सदस्यों से उन्होंने कहा कि वे उनके साथ अभद्र व्यवहार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बमुश्किल उन्होंनेे अपने परिवार के लोगों से संपर्क किया है।