ग्वालियर। मुरैना जिले के सबलगढ़ में एसडीएम कोर्ट के कम्प्यूटर ऑपरेटर की बच्ची बिछुड़ने के पांच घंटे बाद वापस मिल गई। बच्ची परिवार से बिछुड़कर आगरा पहुंच गई थी।
बच्ची के गुम होने की सूचना मिलते ही जीआरपी ने तत्काल सभी थानों में सूचित भेजकर सक्रियता दिखाने के निर्देश दिए। साथ ही वाट्रस एप पर बच्ची का फोटो भी सभी जगह भेज दिया। बच्ची की तलाश में विभिन्न स्टेशनों पर टीमें भी रवाना कर दीं, नतीजतन बच्ची में मिल गई।
सबलगढ़ में खादी आश्रम के पास रहने वाले मनोज कुमार सिंघल अपने परिवार के साथ नैरोगेज ट्रेन से ग्वालियर आए थे। मनोज साढ़े चार साल की बेटी नंदिनी और बेटे को पत्नी के पास छोड़कर टॉयलेट चले गए। इसी दौरान नंदिनी खेलते-खेलते गुम हो गई। जब वे वापस आए तो उन्हें बच्ची नजर नहीं आई। नंदिनी के नहीं मिलने पर वे तत्काल जीआरपी थाने पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी।
जीआरपी नैरोगेज स्टेशन के टीआई सुरेंद्र सिंह सिकरवार ने तत्काल ग्वालियर कंट्रोल रूम सहित भिंड, मुरैना, झांसी और आगरा जीआरपी को नंदिनी के गुम होने की जानकारी दे दी। साथ ही बच्ची का फोटो और हुलिया वाट्रस एप पर पुलिस और रेलवे अधिकारियों को भेज दिया। साथ ही उन्होंने ग्वालियर स्टेशन पर बच्ची के गुम होने का अनाउंसमेंट भी करा दिया।
समता एक्सप्रेस में रोती मिली बच्ची
बच्ची मां से बिछुड़ कर भटकती हुई प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंच गई और जहां खड़ी समता एक्सप्रेस में सवार हो गई। समता में बैठे एक यात्री ने बच्ची से रोने का कारण पूछा तो वह कुछ नहीं बता सकी। बच्ची सिर्फ अपने मां व पिता का ही नाम बता सकी। ट्रेन जब आगरा पहुंची तो प्लेटफार्म पर घूम रहे आगरा के सीटीआई ओपी सिंह को यात्री ने बच्ची के बारे में बताया और बच्ची को उनके हवाले कर दिया। सिंह ने तत्काल ग्वालियर रेलवे प्रबंधन को बच्ची के मिलने की जानकारी दी और केरला एक्सप्रेस की पेंट्री कार में विवेकानंद नाम के यात्री के साथ ग्वालियर भेज दिया।