नई दिल्ली। अमरीकी कंपनी व्हाट्सएप्प इंक ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह सोशल मीडिया वेबसाइटों पर यौन अपराधों के वीडियो पर रोक लगाने के तरीके खोज रही समिति को सहयोग देगी।
उच्चतम न्यायालय ने व्हाट्सएप्प इंक को इस मामले में एक पक्ष बनाया है जिसने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ से कहा कि उसके सदस्य अदालत द्वारा बनाई गयी समिति के साथ बैठक करेंगे और इस तरह के वीडियो को रोकने के लिए तकनीकी समाधान खोजेंगे।
अमरीकी कंपनी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वे व्हाट्सएप्प इंक अपने लोगों को समिति के साथ बैठक करने और सबकुछ विस्तार से बताने के लिए भेज रहे हैं।
सिब्बल ने यह भी कहा कि कंपनी के इंजीनियर और विशेषज्ञ समिति के सामने इनक्रिप्शन तकनीक समेत सभी तकनीकी पहलुओं का प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने अदालत को बताया कि कंपनी के सदस्य दो सप्ताह के अंदर समिति के साथ बैठक करेंगे जिसके बाद दोनों पक्षों के वकील ने बैठक के लिए 27 अप्रेल की तारीख तय की। शीर्ष अदालत ने 11 अप्रैल को व्हाट्सएप्प को नोटिस जारी कर मामले में उसका जवाब मांगा था।
याचिकाकर्ता की वकील अपर्णा भट्ट ने उच्चतम न्यायालय के सामने मामले का उल्लेख करते हुए व्हाट्सएप्प इंक को मामले में पक्ष बनाने की मांग की थी। अदालत ने 22 मार्च को समिति बनाई थी जिसमें केंद्र और इंटरनेट कंपनियों के प्रतिनिधि हैं।