अजमेर। युवक ने किसी के कहने में भ्रमित होकर अपने लिंग को फौलादी बनाने के लिए उस पर बेहद मोटी धातु के सात छल्ले चढ़ा लिए। इससे सूजन बढ़ गई और छल्ले फंस जाने से युवक को असहनीय दर्द होने लगा।
अत्यंत ही जटिल, दुर्लभ इस मामले में मित्तल हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर अजमेर के पथरी, प्रौस्टेट व मूत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ कुलदीप शर्मा ने करीब तीन घंटे तक चले आॅपरेशन के बाद सातों छल्लों को बाहर निकाल दिया गया। युवक और उसका पुरुषत्व सुरक्षित है, अब उसे हाॅस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।
यूरोलोजिस्ट डाॅ कुलदीप शर्मा ने बताया कि मेडिकल लिटरेचर में इस तरह का केस देखने को नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि युवक जिस अवस्था में हाॅस्पिटल में भर्ती हुआ उसका उपचार बेहद जटिल और विशिष्ट था।
लिंग पर मोटी धातु के सात छल्ले चढ़ाए हुए युवक को 14 से 16 घंटे बीत चुके थे। इससे लिंग का रक्तसंचार बाधित होने लगा था। यह अवस्था में अधिक समय रहती तो जननांग काटने की स्थिति हो जाती।
जननांग को बिना कोई क्षति पहुंचाए युवक को राहत पहुंचाने और उसका पुरुषत्व संरक्षित बनाए रखने के इरादे से बहुविध उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। प्रारम्भिक अवस्था में जननांग को सुषुप्त (शिथिल) अवस्था में लाने के लिए इंजेक्शन लगाया गया किन्तु इससे अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
जननांग से छल्लों को बाहर निकालने में आर्थोपैडिक उपकरण भी काम नहीं आए। इन उपकरणों की सहायता से मोटी धातु के छल्ले को काटने की कोशिश भी सूजन अधिक होने से विफल रही। आखिर जननांग में जमा हुआ गंदा खून बाहर निकाला गया इससे नर जननांग कुछ सुषुप्त हुआ।
फिर उस पर धागा लपेटा गया तथा आगे से पीछे की ओर खोलते हुए छल्लों को बाहर निकाला गया। एक-एक कर सातों छल्ले बाहर निकाले गए। इस सर्जरी में करीब ढाई से तीन घंटे लगे किन्तु युवक को पूर्ण राहत मिल गई।
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