जयपुर। राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को कुच समय के लिए रोमांचक स्थिति पैदा हो गई। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की जुबान फिसलने से यह वाकया पैदा हुआ। इस दौरान सदस्य खुद को ठहाके लगाने से नहीं रोक पाए।
विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने फसलों के खराबे संबंधी स्थगन प्रस्ताव पर घनश्याम तिवाड़ी से मुखातिब होते हुए कहा, सदन में पहले से ही इस पर भरपूर चर्चा हो चुकी है, आप तो वरिष्ठ विधायक हैं, फिर आपने भी ऐसा स्थगन प्रस्ताव क्यों किया।
इस पर घनश्याम तिवाड़ी सकपका गए। उन्होने पूछा-मैंने कब उठाया। फिर सदन के कुछ अन्य सदस्यों ने अध्यक्ष से कहा, आप इन्हें विपक्षी पार्टी का क्यों मान रहे हो। इस पर अध्यक्ष संभले। पता चला स्थगन प्रस्ताव तो कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर ने दिया था।
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा आपकों मतिभ्रम क्यों हो रहा है। इस पर अध्यक्ष ने गलती सुधारते हुए कहा, यह उम्र का तकाजा है। मैं 22 मार्च को 81 साल पूरे कर रहा हूं।
बात को आगे बढ़ाते हुए वे बोले, सदन में जो दिवंगत-दिवंगत लोग बैठे हैं। ऐसा कहते ही सदन में ठहाका गूंज गया। फिर अध्यक्ष मेघवाल संभले, बोले इस उम्र में फिर जुबान फिसल गई।
कहा दरअसल थोड़ी देर पहले शोकाभिव्यक्ति का प्रस्ताव में दिवंगत शब्द पढ़ा तो मेरे दिमाग यही चल रहा था। मैं दिग्गज-दिग्गज कहना चाह रहा था, गलती से दिवंगत-दिवंगत कह गया। सरकारी मुख्य सचेतक कारूलाल गुर्जर ने कहा कि अध्यक्ष जी, सदस्यों को दिवंगत कहकर विधानसभा को भूतों की विधानसभा क्यों बना रहे हो।
इसके बाद विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने बात संभाली। बोले, अध्यक्ष जी, उम्र के 81 वर्ष पूरा होने पर सहस्त्र चंद्रदर्शन का योग होता है। ऐसे में आप सभी सदस्यों को उस दिन चंद्रमा की मौजूदगी में भोज दें। इस पर अध्यक्ष ने सहमति जताते हुए कहा, इंतजाम सारा घनश्याम जी करेंगे।
इस पर भी सदन हास्य की स्थिति पैदा हो गई और सभी सदस्य ठहाके लगाने लगे। इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा, दिन का भोज होगा या रात का डीनर…। इस पर भी एकबारगी हंसी का फव्वारा फूट गया।