सबगुरु न्यूज-सिरोही। प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में खुसुर फुसुर नई बात नहीं हैं। सत्ता और प्रशासन के दबंगों के मुंह पर नहीं कही जा सकने वाली बातें गलियारों में कान में कही जाती है। सिरोही के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में ऐसी ही खुसुर फुसर सुनाई दे रही है।
मामला किसी सडक को लेकर बताया जा रह है। खुसुर-फुसर यह है कि जिले की किसी सडक में शायद बडे स्तर पर कोई अनदेखी हुई है और इसकी जांच सीबीआई कर रही है। इस जांच में फंसे नहीं इसके लिए कुछ लोग राजनेताओं से एक और सडक पास करवाने की जुगत में लम्बे समय से थे। दो नेताओं ने उन्हें मना कर दिया।
चर्चा यह भी है कि आखिर दो नेता बोतल में उतर गए और एक ने पांच लाख और दूसरे ने दस लाख रुपये की स्वीकृति से सडक में देने की हामी भर दी। कानाफूसी यह भी है कि अब जब पत्रावली आला अधिकारी के पास गई तो इस क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद इस सडक को बनाने के लिए नेताओं के द्वारा दी गई अनुमोदना को किनारे कर दिया। अब नेता लोग अधिकारी पर खार खाए बैठे हैं। यदि यह सडक पास नहीं हुई तो इस सडक, जांच कर रही एजेंसी और उससे जुडी अनियमितता सामने आ सकती है।
-ये तो ऐसे ही हैं
हाल ही में सिरोही का एक फंक्शन भी लोगों की जबान पर चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। इस फंक्शन में मेहमानों की सूची और बाद में फेसबुक पर छाई फोटो के बाद राजनीतिक गलियारे में आमंत्रित मेहमानों के सबसे करीबी नेता के दर्द को उभार दिया। अब नेताजी से यह पूछपरछ होने लगी है कि आपके सभी करीबी वहां मेहमान के रूप में गए तो आप क्यों नहीं गए, जबकि आमंत्रक तो आपके सबसे करीबी थे तो नेताजी का दर्द उबल आया। बोले ये ऐसा ही हैं।