चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा अपनी दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म का दोषी करार दिए जाने व 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद डेरा के सामने नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है।
डेरा की हरियाणा में एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। माना जाता है कि डेरा सच्चा सौदा के 6 करोड़ से ज्यादा अनुयायी हैं। डेरा प्रमुख की विरासत पर परिवार के लोग व परिवार के बाहर के लोग दावे कर रहे हैं। ऐसे में अकूत संपत्ति वाले डेरा के नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता कायम है।
डेरा के सूत्रों ने कहा कि राम रहीम के उत्तराधिकारी पर अभी तुरंत कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। एक सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि पिता जी (राम रहीम) को दोषी करार दिया गया है और अदालत ने सजा सुनाई है। उनके वकील उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
यदि जरूरत हुई तो सर्वोच्च न्यायालय भी जाएंगे। वे सभी कानूनी विकल्पों के समाप्त होने तक कोशिश करेंगे। हमें उम्मीद है कि सीबीआई अदालत के फैसले को नामंजूर किया जाएगा और वह (राम रहीम) डेरा का नेतृत्व करने के लिए फिर से वापस लौटेंगे।
डेरा में रहने वालों ने कहा कि अभी डेरा के मामलों को व्यवस्थित करने और लाखों अनुयायियों को दिशा देने की जरूरत है, जो डेरा और राम रहीम में अपना पूरा विश्वास बनाए हुए हैं।
सूत्र ने कहा कि हालांकि वह जेल में है लेकिन परिवार के सदस्यों व दूसरे मिलने वाले लोगों के जरिए दिशा-निर्देश देने का काम जारी रखेंगे।
जेल में बंद डेरा प्रमुख के परिवार में उनके बेटे जसमीत सिंह इंसान (33) का नाम राम रहीम की अनुपस्थिति में डेरा के मामलों को देखने के लिए उभर कर सामने आ रहा है। इस कदम के पीछे राम रहीम की उम्रदराज मां नसीब कौर व पत्नी हरजीत कौर हैं। राम रहीम के विपरीत उनकी मां व पत्नी आम तौर पर चकाचौंध से दूर रहती हैं।
डेरा मामलों का प्रबंधन व डेरे पर नियंत्रण के लिए परिवार द्वारा जसमीत के नाम को बढ़ावा देना परिवार से बाहर के दावेदारों की कोशिशों को नाकाम करने का प्रयास माना जा रहा है।जसमीत कांग्रेस नेता व पंजाब के पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह जस्सी के दामाद हैं।
सूत्र ने कहा कि डेरा प्रमुख की दो महिला सहयोगियों-हनीप्रीत (पूर्व नाम प्रियंका तनेजा) व विपासना से राम रहीम के परिवार को खतरा है। ये दोनों राम रहीम की दत्तक पुत्रियां कही जाती हैं।