सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के मौके पर एक बार फिर सिरोही में नर्मदा का पानी लाने का मुद्दा छाया रहा। जहां प्रेस काॅन्फ्रेंस में जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठोड और गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी यह कहते दिखे किए उन्होंने जिले में नर्मदा का पानी लाने की योजना को खारिज नहीं किया है। वहीं अरविंद पेवेलियन में भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी ने मुख्य आयोजना में हजारों लोगों के बीच कहा कि योजना के खर्चे को देखते हुए उन सब लोगों ने नर्मदा योजना को खारिज करके बत्तीसा नाला परियोजना को स्वीकृति दिलवाई। अब सिरोही के किसानों और आम लोगों से राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार झूठ बोल रही है या उनका संगठन भाजपा, यह जनता ही तय कर सकती है।
पत्रकार वार्ता में नर्मदा योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड ने कहा कि बत्तीसा नाला नर्मदा योजना का विकल्प है, लेकिन नर्मदा का पानी लाने की योजना को उन्होंने खारिज नहीं किया है। इसकी फिजिबिलिटी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां लिफ्ट योजना से पानी पहुंचाने का काम होता है वहां व्यय बहुत ज्यादा होता है और यह इतनी सफल भी नहीं होती।
इसके लिए फिजिबिलिटी देखी जा रही है और यदि ग्रविटी से पानी आने की बात आएगी तो सरकार निश्चित तौर पर आगे बढेगी। इतना ही नहीं नर्मदा जल समझौते के मूल दस्तावेजों से आगे जाते हुए राठौड तो यह दावा तक कर गए कि नर्मदा योजना की जनक उनकी ही पार्टी है, किसी दूसरे ने तो इसकी कल्पना भी नहीं किया था। जबकि नर्मदा वाटर डिस्पुट ट्रिब्युनल का गठन 6 अक्टूबर, 1969 को ही हो चुका था, तब न तो प्रदेश में और न ही राज्य में भाजपा का कोई अता पता था।
इधर, अरविंद पेवेलियन में भाजपा के चार वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम के मंत्र से अतिउत्साहित होकर भाजपा जिला अध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी ने कहा कि उन्होंने नर्मदा के लिए कहा था, जो कहते हैं वो करते हैं। जिस दिन मुख्यमंत्री ने शपथ ली उसके तीन महीने के अंदर 26 लाख 27 हजार रुपये देकर एक कम्पनी को सर्वे के लिए बैठाया। छह महीनों के अंदर वो सर्वे रिपोर्ट आई और वह फाइल हमारे पास पडी है।
उन्होंने भरे मंच से कहा कि सर्वे रिपोर्ट में पानी को लिफट करके लाने में 400 करोड रुपये का खर्चा आने से फिजिबल नहीं होने की बात कही। चैधरी ने सबके सामने पुरजोर तरीके से दावा किया कि अरविंद पेवेलियन के मंच पर बैठे सभी जनप्रतिनिधियों ने मिलकर यह निर्णय किया कि हमें चार सौ करोड रुपये खर्च करके लाई जाने वाली नर्मदा योजना नहीं चाहिए बत्तीसा नाला चाहिए। यह मांग हमारी थी। वैसे इस वक्त्व्य के बाद मंच पर बैठे प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड और जिले में नर्मदा का पानी लाने का दावा करने वाले सिरोही के विधायक और गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी भी सकते में आ गए।
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