जयपुर। राज्य के मौजूदा मुख्य सचिव सीएस राजन दिसंबर में सेवानिवृत हो रहेहैं और इसके साथ ही नए सचिव के नामों को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। राजन की सेवानिवृति से पहले सरकार को नए मुख्य सचिव के नाम पर फैसला करना है।
सचिवालय के गलियारों और सीएमओ सर्किल में इन दिनों नए मुख्य सचिव के नामों को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। गृह विभाग के एसीएस ए. मुखोपाध्याय, यूडीएच के एसीएस अशोक जैन और प्रशासनिक सुधार विभाग के एसीएस राकेश वर्मा सीएस के दावेदारों में आगे बताए जा रहे हैं।
नया मुख्य सचिव 1980 या 1981 बैच के आईएएस में से ही चुना जाएगा। अगर 1981 बैच के अशोक जैन या राकेश वर्मा सीएस बने तो उनसे सीनियर सात अफसर मौजूद हैं। मतलब सात अफसरों की वरिष्ठता लांघी जाएगी। वहीं ए.मुखोपाध्याय को बनाया तो चार अफसरों की वरिष्ठता लांघी जाएगी।
अगर सीनियर के रहते जूनियर को सीएस बनाया जाता है तो जितने भी सीनियर अफसर सीएस बनने वाले अफसर से है, उन्हें सचिवालय से बाहर पोस्टिंग देनी होती है।
सीएस राजन 78 बैच के आईएएस हैं। उनके रिटायर होने के बाद 78 बैच में उमराव सालोदिया बचेंगे, उनके सीएस बनने की संभावना कम है। सालोदिया फिलहाल रोडवेज के चेयरमैन हैं।
राजीव महर्षि भी इसी बैच के हैं, उन्हें रिटायर होने के बाद एक्सटेंशन देकर दो साल के लिए केंद्रीय गृह सचिव बनाया है।
1979 बैच में दो आईएएस हैं जिनमें नीलिमा जौहरी रेवेन्यू बोर्ड की अध्यक्ष हैं और ओमप्रकाश मीणा वन पर्यावरण के एसीएस हैं।
1980 बैच में चार अफसर है जिनमें ए. मुखोपाध्याय, देवस्थान एसीएस अशोक शेखर हैं। श्याम एस अग्रवाल और सुनील अरोड़ा केंद्र में हैं, उन्हें सीएस बनाने की संभावना न के बराबर है।
नए सीएस को लेकर अभी से प्रशासनिक हलकों में जोड़तोड़ शुरू हो गया है, लेकिन इतना तय है कि इस बार भी नया मुख्य सचिव जो भी बनेगा, वरिष्ठता लांघकर ही बनाया जाएगा।