पटना। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक विवाद के कारण पार्टी में उत्पन्न कलह को देखते हुए बिहार की सत्तारूढ़ जदयू उत्तर प्रदेश में सपा की अगुवाई में संभावित महागठबंधन से खुद को दूर रखने का प्रयास कर रही है।
जदयू सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि पार्टी मुलायम सिंह के पारिवारिक विवाद को लेकर दल और सरकार में चल रही सियासी उठा-पठक पर लगातार नजर रख रही है और सपा के अंदरूनी विवाद के सुलझने का इंतजार कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान राजनीतिक माहौल में सपा के साथ किसी तरह की नजदीकी बनाना जदयू के लिए उचित नहीं होगा और इसको ध्यान में रखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार सपा की रजत जयंती समारोह से खुद से दूर रख रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि जदयू का यह मानना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा सपा के वहां के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव में से किसी एक के भी साथ जाना जदयू के लिए खतरनाक होगा जिसके कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू का कोई दूसरा नेता सपा के रजत जयंती समारोह में शामिल नहीं हो रहा है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मुलायम के साथ जाने के सवाल पर कहा कि दल ने नीतीश कुमार को इस मामले में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है।
उन्होंने कहा कि जदयू सपा में सुलह का इंतजार कर रही है और बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन बनने के क्रम में हुए राजनीतिक खेल से सीख लेकर ही कोई कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इस बिन्दु पर किसी भी तरह की ठोस पहल के बाद ही कोई भी निर्णय लिया जाएगा।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी का मानना है कि नीतीश कुमार साफ सुथरी छवि के नेता हैं और वे राजनैतिक परिवार के बीच चल रहे विवाद से उत्पन्न परिस्थिति से खुद को दूर रखेंगे।
समाजवादी पार्टी में चल रहे विवाद पर टिप्पणी करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चुटकी ली और कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में भी सपा जैसा ही कलह देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के परिवार के अंदर भी तनाव चल रहा है, जो अभी सतह पर नहीं आया है। मोदी ने दावा कि लालू प्रसाद यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और बड़ी बेटी मीसा को उपमुख्यमंत्री न बनाकर छोटे बेटे तेजस्वी को यह पद देकर परिवार के अंदर कलह का बीज बो दिया है।
हालांकि यादव इस कलह को दबाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं किंतु बड़े पुत्र को उत्तराधिकार सौपने की परंपरा के विरूध छोटे को अपना तख्त देकर उन्होंने असंतोष का बीज खुद ही बो दिया है।