मुंबई। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्मकार मधुर भंडारकर का कहना है कि आपातकाल के बारे में इतने सालों में बहुत कुछ लिखा और कहा गया है, फिर जब कोई इस विषय पर फिल्म बनाता है, तो उसे कानूनी झमेले का सामना क्यों करना पड़ता है?
भंडारकर ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि 42 सालों से 1975 के आपातकाल के बारे में बहुत कुछ कहा गया और प्रकाशित हुआ, लेकिन सिर्फ जब कोई फिल्म इस विषय पर बनती है तो अदालत में घसीटने की धमकी दी जाती है।
उन्होंने यह टिप्पणी अपनी आगामी फिल्म ‘इंदु सरकार’ के संदर्भ में की, जो आपातकाल पर आधारित है।
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एक खबर के मुताबिक खुद को पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे दिवंगत संजय गांधी की बेटी बताने वाली एक महिला ने भंडारकर, निर्माता भरत शाह, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष को कानूनी नोटिस भेजकर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है।
कथित तौर पर वह इस बात को लेकर चिंतित है कि फिल्म में उसके ‘रिश्तेदारों’ की ‘छवि नकारात्मक रूप में’ दिखाई गई है और इसमें ‘कोई तथ्य नहीं’ है। फिल्म में नील नीतिन मुकेश और कीर्ति कुलहरि जैसे कलाकार हैं।