मुंबई। अभिनेता शाहरुख खान को डर है कि अगर भारतीय फिल्म जगत के लोगों ने पूरी कुशलता के साथ पटकथा लेखन शैली, विपणन और तकनीक के इस्तेमाल पर काम नहीं किया, तो बॉलीवुड पर हॉलीवुड हावी हो सकता है।
शाहरुख ने हॉलीवुड अभिनेता ब्रैड पिट के साथ ‘डायनामिक्स ऑफ बॉलीवुड एज कंपयेर्ड टु हॉलीवुड’ विषय पर एक सत्र के दौरान हुई चर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस बात का डर पाया जा रहा है कि कहीं भारत में बॉलीवुड पर हॉलीवुड हावी न हो जाए।
शाहरुख ने कहा कि अगर हमने पटकथा लेखन शैली, विपणन और तकनीक जैसे कुछ मुख्य क्षेत्रों पर काम नहीं किया, तो हॉलीवुड हम पर हावी हो जाएगा।
पिछले 25 साल से भारतीय फिल्म जगत का हिस्सा रहे शाहरुख ने कहा कि भाषा की बाधा बहुत कम हो गई है..दुनिया में कई डिजिटल प्लेटफार्म हैं और कंटेंट तक पहुंच है। कई ऐसी चीजें हैं जिसमें हॉलीवुड पारंगत हो रहा है और हमें उससे सीखना चाहिए। बॉलीवुड पर हॉलीवुड के हावी होने का डर है।
हॉलीवुड अभिनेता ब्रैड पिट अपनी आगामी फिल्म ‘वॉर मशीन’ के प्रचार के लिए भारत आए थे। इसमें वह अमेरिकी जनरल ग्लेन मेक्माहोन का किरदार निभा रहे हैं।
‘किंग खान’ कहे जाने वाले अभिनेता शाहरुख ने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कभी खुशी कभी गम’ ‘वीरजारा’ जैसी फिल्मों से कामयाबी की बुलंदियों को छुआ। उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों की सफलता ने रुझानों में बदलाव का संकेत दिया है।
शाहरुख ने कहा कि भारतीय फिल्म जगत को बदलना होगा। हमें बहुत कुछ सीखना है और हॉलीवुड वो सब कुछ कर चुका है। हमें केवल उससे इसे अपनाना है।
अभिनेता ने कहा कि हमारे पास कई शानदार कहानियां हैं बताने के लिए, लेकिन हम बताते नहीं हैं। हम कभी-कभी बस यह सोच कर खुश हो जाते हैं कि हमारे पास नृत्य और गायन शैली है। हमें उस भाषा को समझने की जरूरत है, जो हॉलीवुड और पश्चिमी सिनेमा जगत बोलते हैं। हालांकि, हमें उसे नहीं बदलना है जो हम लोगों को दिखाते हैं। डांस और गाने को हिंदी फिल्म जगत का हिस्सा बना रहना चाहिए।
अपनी पत्नी गौरी के साथ फिल्म निर्माण कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट चलाने वाले शाहरुख का कहना है कि एक फिल्म निर्माता के तौर पर उनकी इच्छा उन फिल्मों को आगे ले जाने की है, जिन्हें अन्य निर्माता नहीं बनाना चाहते।
शाहरुख का नेटफ्लिक्स के साथ लंबा करार हुआ है। अभिनेता का मानना है कि इस करार के तहत फिल्मकारों के लिए एक नई राह खुल गई है, जिसके जरिए फिल्म निर्माण के लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा मिला है।
फिल्म जगत में अपने सफर के बारे में बात करते हुए शाहरुख ने कहा कि दर्शकों के साथ जुड़े रहने के लिए जमीन से जुड़ा रहना बेहद जरूरी है।