अजमेर। मेरे बैंक खाते में सब्सिडी राशि आ रही थी, लेकिन जैसे ही आधार से लिंक कराया वैसे ही खाते में राशि आनी बंद हो गई। यह किसी एक उपभोक्ता की शिकायत नहीं बल्कि अनेक पीडितों की बानगी है। कोई चार माह तो कोई छह माह से इस तरह की शिकायत को लेकर भटक रहा है।
सबगुरु न्यूज को भी ऐसी कई शिकायत मिली थी, जिसके बारे में पडताल जारी थी। इसी बीच यूआईडीएआई ने समय रहते सारी साजिश पर्दाफाश कर दिया। यह खेल भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक ने कुछ मोबाइल रिचार्ज करने वालों के साथ मिलकर खेला।
शनिवार को यूआईडीएआई ने भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक को बड़ा झटका देते हुए उनके ई-केवाईसी लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। इससे ये दोनों ई-केवाईसी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर मोबाइल ग्राहकों के सिम का आधार से सत्यापन नहीं कर पाएंगे।
जानकारी के मुताबिक एयरटेल पेमेंट्स बैंक के 23 लाख से ज्यादा ग्राहकों को उनके इन बैंक खातों में 47 करोड रुपए मिले, जिनके खोले जाने की उन्हें जानकारी तक नहीं थी। यही नहीं, इन लोगों की एलपीजी सब्सिडी तक इन खातों में आने लगी थी। यूआईडीएआई के समक्ष यह मामला लाया गया था।
ऐसे शिकार बना अजमेर का चुन्नीलाल
सबगुरु न्यूज के पास शिकायत लेकर आए टेलरिंग का व्यवसाय करने वाले चुन्नीलाल ने कहा कि उन्होंने भोपों बाडा स्थित एक मोबाइल शॉप पर जो कि आधार लिंक करता है को अपना बैंक खाता आधार से लिंक करने को कहा था। उसके बाद से बैंक में आ रही सब्सिडी राशि बंद हो गई। इस बारे में जब गैस एजेंसी से संपर्क किया तो पता चला कि सब्सिडी तो चालू है लेकिन वह एयरटेल बैंक में उनके खाते में शिफ्ट कर दी गर्इ् है। चुन्नीलाल ने बताया कि एयरटेल बैंक में न तो उन्होंने कभी कोई खाता खोला और न ही इस बारे में कोई जानकारी है।
चुन्नी लाल की शिकायत के आधार पर पडताल करते हुए सबगुरु की टीम एयरटेल के अजमेर बस स्टेंड के करीब स्थित आफिस पहुंची। पहले तो वहां मौजूद स्टाफ ने बताया कि चुन्नीलाल नाम के शख्स का खाता उनके यहां खोला गया है। यह खाता कैसे खुला इस सवाल का जवाब देने में वे टालमटोल करने लगे और कहा कि यह खाता हम बंद कर देते हैं।
आनन फानन एयरटेल ने चुन्नीलाल का खाता बंद कर दिया, लेकिन उस खाते में आई दो माह की सब्सिडी राशि लौटाने ये यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे जमा राशि नहीं लौटा सकते क्योंकि राशि लौटाने की जिम्मेदारी उस मोबाइल शॉप वाले कि है जिसने यह खाता खोला था। यानी सारे खेल में एयरटेल मोबाइल रिचार्ज करने वाले की भूमिका भी संदिग्ध हो गई। एयरटेल सारा खेल एयरटेल मोबाइल रिचार्ज करने वाले के साथ मिलकर खेल रही थी।
यूं हुआ सारे गडबडझाले का पटाक्षेप
इस खेल का पटाक्षेप तब हो गया जब शनिवार को हो गया और जब यूआईडीएआई ने ऐसी ही शिकायते मिलने पर मामले की गंभीरता को देखते हुए भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक तथा उनके ई-केवाईसी लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।
यूआईडीएआई ने माना कि एयरटेल पेमेंट बैंक कई लोगों के साथ भारती एयरटेल आधार ई-केवाईसी आधारित सिम सत्यापन प्रक्रिया का इस्तेमाल कर अपने ग्राहकों की बिना मंजूरी के गुपचुप पेमेंट बैंक खाता खोल रहा है। साथ ही इन पेमेंट बैंक खातों को एलपीजी सब्सिडी लेने के लिए भी जोड़ा जा रहा था।
भारती एयरटेल ने अपने ग्राहकों की सहमति लिए बिना ही उनके बैंक खाते खोल दिए, जबकि वे तो अपने सिम या बैंक खाते का आधार आधारित केवाईसी करवाने आते थे। यूआईडीएआई ने उन आरोपों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, जिनमें एलपीजी रसोई गैस सब्सिडी लेने के लिए भी ऐसे पेमेंट बैंक अकाउंट्स को लिंक करने की बात कही जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक यूआईडीएआई ने संज्ञान लेते हुए एक अंतरिम आदेश में कहा कि भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक के ई-केवाईसी लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। फिलहाल एयरटेल अब अपने उपभोक्ताओं के सिम का आधार नंबर से सत्यापन इलेक्ट्रानिक तरह से नहीं कर सकेगा। साथ ही एयरटेल पेमेंट बैंक आधार ई-केवाईसी से नया खाता भी नहीं खोल सकेंगे। हालांकि अन्य विकल्पों के जरिए खाता खोला जा सकेगा।
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