कानपुर। शादी के 10 साल पांच बेटियां होने पर आखिरकार पत्नी ने यह बोल ही दिया कि मां चाहिए, बहन चाहिए, पत्नी चाहिए फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए इतनी ही बात पत्नी के बोलने पर पति आग बबूला हो गया।
पति बिना कुछ सोचे समझे पत्नी को पीटकर बोला कि मुझे बेटियों से नहीं है प्यार, तेरे से पैदा करुंगा अपना बेटा और वह खेती-बाड़ी कर चलाएगा परिवार। पति की मार व ससुरालियों की प्रताड़ना से आहत होकर महिला ने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं के संस्था से मिलकर अपनी फरियाद लगाई है। जहां संस्था ने पूरी मदद कर पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कहीं है।
आखों से बया हुआ दर्द, तो छलके आंसू
ससुरालियों व पति की प्रताड़ना से आहत विवाहिता कौशल्या संस्था के सामने फफक पड़ी और बोली कि वह बिहार झारखंड के निवादा गांव में रहती थी। बचपन में ही उसके मां-बाप का देहांत हो गया। जिसके बाद रिश्तेदार ने पैसों की लालच उसकी शादी एक चोर से कर दी।
जब उसे पति के बारे में पता चला तो उसने अपने करीबी रिश्तेदार से बताया। पति से तलाक होने के बाद रिश्तेदार ही ने उसकी शादी बिठूर के ग्राम सभा विनौर इश्वरीगंज निवासी घनश्याम से करवा दी।
विवाहिता ने बताया कि उसकी उम्र से पति की आयु बहुत ज्यादा है। उसे यह शादी से इंकार था, लेकिन परिस्थतियों के आगे झुकर पीड़िता ने स्वीकार कर लिया। जिसके बाद तो मान लो उसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
पति बना हैवान
कौशल्या ने बताया कि शादी के बाद उसके हाथ की मेहंदी उतर ही नहीं पाई थी कि पति व ससुरालियों प्रताड़ित करना शुरु कर दिया है। जैसे-तैसे पति के साथ दस साल जिंदगी गुजार ली। उसके पांच बेटियों ने जन्म लिया, कहते हैं कि जहां बेटिया होती है तो वह घर ही स्वर्ग बन जाता है। लेकिन बेटियों के जन्म के बाद ही उसके घर में कलह शुरु हो गई और पति आए दिन बेटियों से दूरी बनाते हुए पत्नी को मारने पीटने लगा।
नहीं चाहिए बेटियां, पैदा करुंगा बेटा
विवाहिता ने संस्था को यह बताया है कि शादी को दस साल बीत चुके है, उनसे पांच बेटियां हैं। दो बेटियां होने के बाद जब पति ने इसका विरोध किया कि उन्हें कोई संतान नहीं चाहिए। जिस पर पति ने उसके साथ मारपीट शुरु कर दी।
आरोप है कि पति ने खुले शब्दों यह कह दिया कि मुझें तुम्हारी बेटियों से कोई मतलब नहीं है मुझे बेटियों से प्यार नहीं है। मुझे सिर्फ तुम्हारी कोख से बेटा चाहिए, जिसके लिए मुझे कुछ भी करना है वो सब करुंगा।
संस्था दिलाएगी विवाहिता को न्याय
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की महिला काउसंलर ज्ञान्ती देवी ने बताया कि पीड़िता की बात सुनकर बहुत दुख हुआ कि आज के 21वीं सदी में भी लोग इस प्रकार की सोच रखे हुए है। हमारी संस्था ऐसे ही लोगों की सोच और विचार को बदलने का काम करेगी।
वहीं इस पीड़िता की बेटियों को अच्छी शिक्षा व परिवरिश के लिए आशा व आंगनवाडी केन्द्र से मदद मांगी है और वह इन बच्चियों को हर सुविधा देने की बात कही है।