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Wife throws HIV positive husband on road in kanpur
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पत्नी ने बेटों के साथ एचआईवी पीड़ित पति को सुनसान जगह पर फेंका

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पत्नी ने बेटों के साथ एचआईवी पीड़ित पति को सुनसान जगह पर फेंका
Wife throws HIV positive husband on road in kanpur
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Wife throws HIV positive husband on road in kanpur

कानपुर। बीमार पति के इलाज के दौरान पत्नी को जांच में उसके एचआईवी संक्रमित होने की पुष्टि हुई। जानकारी के बाद पत्नी ने इलाज के बहाने से अस्पताल लाने के दौरान पीड़ित पति को बेटों के साथ जंगल में फेंक कर चली गई।

क्षेत्रीय लोगों की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने बेहोशी की हालत में युवक को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां होश में आने पर उसने पत्नी व बेटों की करतूत बयां की। फिलहाल पीड़ित अपने के ठुकराएं जाने पर अब ईश्वर से जल्द अपनी मौत की प्रार्थना कर रहा है।

मूलरूप से फतेहपुर के पटेल नगर में रहने वाले राम नरेश (काल्पनिक नाम) बीते कई वर्षों से कल्याणपुर में रहकर प्राइवेट नौकरी करते थे। पत्नी व तीन बेटे फतेहपुर में ही रह रहे थे।

दो सप्ताह पहले अचानक तबीयत खराब हुई तो वह घर चला गया और पत्नी ने स्थानीय डाक्टरों से इलाज कराया लेकिन इसी दौरान जब पत्नी को पता चला कि पति एचआईवी संक्रमित है तो वह बच्चों के साथ इलाज के बहाने पति को कानपुर लाई और किदवई नगर पेट्रोल पंप के पास सुनसान जगह पर फेंक कर चली गई।

राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी और पुलिस ने कराह रहे पीड़ित को हैलट अस्पताल में मंगलवार को भर्ती कराया। जहां पर डाक्टरों ने इलाज कर पीड़ित को होश में ला दिया। लेकिन तीमारदारों के न होने से डाक्टरों को इलाज करने में परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। तो वहीं पीड़ित बार-बार डाक्टरों से मौत की गुहार लगा रहा है।

उसका कहना है कि जब बच्चे व पत्नी ने साथ छोड़ दिया तो ऐसी जिंदगी जीने से बेहतर मर जाना है। डाक्टरों ने मरीज के मुताबिक उसके पते पर एक कर्मचारी को भेजा फिर भी उसके परिजन अस्पताल आने को तैयार नहीं है।

जूनियर डाक्टरों ने दिखाई इंसानियत

डाक्टर विशाल गुप्ता ने बताया कि जिस समय पुलिस कर्मियों ने मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया तो उसके पैरों में सड़न थी। मरीज की स्थिति देखते हुए सीटी स्कैन और एमआरआई कराई तो एचआईवी का अंदेशा हुआ। खून की जांच कराने में एचआईवी पॉजिटिव निकला।

लेकिन ऑपरेशन के लिए स्पेशल किट की व्यवस्था न होने से जूनियर डाक्टरों ने अपने रूपयों से किट मंगाई तब आपरेशन हो सका। डाक्टर ने बताया कि मरीज का समुचित इलाज हो रहा है लेकिन तीमारदारों के न होने से दवाइयां खिलाने व नित्यक्रिया में मरीज को परेशानी हो रही है।

वार्ड ब्वाय खिलाते हैं भोजन

घर से कोई नहीं आने के चलते डॉक्टरों ने उसको भोजन और शौच के लिए दो वार्ड ब्वाय की परमानेंट ड्यूटी लगा दी है। वार्ड ब्वाय राजू ने बताया कि पीड़ित के दोनों हाथ काम नहीं करते, जिसके चलते उसे हमें ही अपने हाथों से भोजन करवाना पड़ता है। शौचक्रिया सहित अन्य काम हम ही करते हैं। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि इलाज के बाद मरीज काफी हद ठीक हो रहा है। लेकिन भोजन न कर पाने के चलते उसकी मौत कभी भी हो सकती है।