जम्मू। कश्मीर के मौजूदा हालात को सामान्य करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया है कि बहुत ही जल्द पैलेट गन का विकल्प तलाश लिया जाएगा।
उन्होंने सभी से कश्मीर घाटी में शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कश्मीर के भविष्य के बिना भारत का भविष्य नहीं बन सकता है। सरकार कश्मीर का विकास करना चाहती है और इस दिशा में काम भी हो रहा है।
राजनाथ सिंह ने अपने दो दिवसीय श्रीनगर दौरे के दूसरे दिन राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से गुरूवार को मुलाकात कर कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की।
बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें गृहमंत्री ने कहा कि बच्चे तो बच्चे हैं, अगर वे अपने हाथों में पत्थर उठाते हैं तो उन्हें समझाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बच्चों के हाथों में पत्थर नहीं कम्प्यूटर, लैपटॉप, किताबें होनी चाहिए ताकि वह अपनी बुद्धि की ताकत से संसार में सर्वश्रेष्ठ काम कर सकें।
पैलेट गन के इस्तेमाल के बारे में राजनाथ ने कहा कि उन्होंने इस मामले में जो कमेटी बनाई थी उसकी रिपोर्ट दो-तीन दिनों में आएगी। उसके बाद ही कोई फ़ैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बहुत ही जल्द पैलेट गन का विकल्प तलाश लिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी दल कश्मीर में शांति बहाली चाहते हैं।
कश्मीरियत, इंसानियत, जम्हूरियत को मानने वालों के साथ हम बातचीत के लिए तैयार हैं। जल्द ही कश्मीर के हालातों की समीक्षा के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा।
पत्रकारों से बातचीत में महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि केवल 5 प्रतिशत लोग ही घाटी में अशांति फैलाकर लोगों को भड़का रहे हैं। ये लोग लोगों को मरवाते हैं तथा बच्चों को मरने के लिए आगे कर देते हैं जबकि 95 प्रतिशत लोग शांति से वार्ता का रास्ता अपनाकर कश्मीर समस्या का हल चाहते हैं।
इससे पहले गृहमंत्री ने बुधवार को कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा का जायजा लेते हुए सुरक्षाबलों को आम लोगों में विश्वास पैदा करने और प्रदर्शनों के दौरान संयम बरतने के साथ शरारती तत्वों के खिलाफ कठोर कदम उठाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने प्रमुख विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, राज्यपाल एनएन वोहरा के अलावा भाजपा तथा सहयोगी दल पीडीपी के प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात कर घाटी के मौजूदा हालात पर चर्चा की।
घाटी में हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद हालात चिंताजनक बन गए हैं। घाटी के विभिन्न इलाकों में रोजाना पत्थरबाजी, हिंसक प्रदर्शनों तथा झडपों का सिलसिला जारी है। वहीं गृहमंत्री के आगमन से पहले ही घाटी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 26 कंपनियों की तैनाती की गई है।
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