प्रशान्त झा
अजमेर। दक्षिणी चीन सागर में भारत के मित्र और चीन के धुर विरोधी वियतनाम को विश्व की सर्वश्रेष्ठ क्रूज मिसाईल ब्रहमोस बेचे जाने की दिशा में भारत की ओर से सहमति बाद वियतनाम ऐसा पहला देश बन सकता है जिसको यह आधूनिकतम मिसाईल बेची जाएगी।
ब्रहमोस विश्व की सबसे तेज गति से प्रहार करने वाली क्रूज मिसाईल है जिसे रूस और भारत के मिलकर विकसित किया है इसलिए दोनों देशों की सहमति के बाद अब इसे वेतनाम को बेचे जाने का रास्ता साफ हो गया है।
दक्षिणी चीन सागर के देश वियतनाम के रक्षा और कूटनीतिक संबंध भारत और रूस दोनों से ही अच्छे रहे हैं और भारतीय कम्पनी ओएनजीसी को दक्षिणी चीन सागर में तेल खोज की अनुमति दिए जाने के चलते वियतनाम चीन की आंखों की किरकिरी बना हुआ है।
अब वियतनाम को भारत द्वारा इस अत्यंत घातक मिसाईल के बेचे जाने के कदम को चीन के इस क्षेत्र में बढते दबदबे के चलते एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखा जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2014 में वेतनाम के प्रधानमंत्री को की गई ब्रहमोस बेचे जाने की पेशकश के परिणामस्वरूप वेतनाम ने अपनी नौसेना को इस मिसाईल से सुसज्जित किए जाने के प्रति उत्सुकता दिखाई है।
दोनों देशों के मध्य इसे बेचे जाने हेतु करार इस वर्ष के अन्त तक हो जाने की संभावना है। वेतनामी नौसना द्वारा अपने रूस निर्मित युद्धपोतों एवं किलो श्रेणी की पनडुब्बीयों पर आधुनिकीकरण के तहत इसे तैनात किये जाने की योजना है।
भारत द्वारा इस क्षेत्र के अपने इस मित्र देश को तेल खोज और व्यापारिक हितों एवं चीन से भारत को इस क्षेत्र से दूर रखे जाने की लगातार मिलती धमकियों के चलते सामरिक एवं सुरक्षात्मक उपायों को पुख्ता करने हेतु इस मिसाईल को बेचे जाने की पेशकश की गई थी।
ब्रहमोस विश्व का सबसे सबसे तेज व घातक क्रूज मिसाईल है जो दुशमन के रेडार को चकमा देते हुए अपने लक्ष्य पर सटीक प्रहार करती है जिससे इसकी पहचान कर नष्ट कर पाना नामुमकिन है। इसका आधुनिकतम रैमजेट इंजन इसे मैक 2.8 से मैक 3.00 की सुपरसोनिक गति प्रदान करता है।
इस मिसाईल की मारक क्षमता 290 किमी है और यह जल और थल दोनों से दागा जा सकता है। भारत द्वारा इसे युद्धक विमान सुखोई 30 एमकेआई से भी छोडे जाने के लिए विकसित किया जा रहा है।