बीजिंग। चीन ने मंगलवार को कहा कि तिब्बत में आए भूकंप के कारण यरलुंग त्संगपो नदी पर बांधों के निर्माण और झीलों के मद्देनजर वह भारत के साथ संपर्क बनाए रखेगा, जो अरुणाचल प्रदेश और असम के लिए खतरा हो सकता है।
तिब्बत क्षेत्र में आए सिलसिलेबार भूकंप के कारण भारी भूस्खलन हुआ था, जिस कारण ब्रह्मपुत्र नदी का पानी मैला हो गया है। ब्रह्मपुत्र नदी को चीन में यरलुंग त्संगपो के नाम से जाना जाता है।
खबरों के मुताबिक भूकंप के कारण तबाह हुए मकानों का मलबा तीन जगहों पर इकठ्ठा हो गया, जिस कारण चीन में नदी पर 12 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक बांधों का निर्माण हो गया।
भारत को चिंता है कि इन तीन भूस्खलन-प्रेरित बांधों और झीलों को रास्ता मिल सकता है, जिससे एक विशाल बाढ़ का बहाव हो और ऐसा उसके क्षेत्रों में हो सकता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयींग ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की पुष्टि के मुताबिक, मैं आपको बता सकता हूं कि यह झील चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड में स्थित है। यह प्राकृतिक कारणों से बनी है। यह मानव निर्मित नहीं है।
हुआ ने कहा कि मैंने पाया कि भारतीय पेशेवर अधिकारियों ने इस पर विश्लेषण और स्पष्टीकरण दिया। हमें उम्मीद है कि भारतीय मीडिया इस पर आधारहीन अटकलें नहीं लगाएंगी और चीनी पक्ष मौजूदा चैनलों के माध्यम से, सीमावर्ती नदियों पर भारतीय पक्ष के साथ संपर्क बनाए रखेगा।
भारत और चीन के बीच आंकड़ों की अदला-बदली को लेकर समझ है, लेकिन इस साल नई दिल्ली ने कहा था कि बीजिंग ने ऐसा कुछ नहीं किया है।