नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने पर तीस्ता के पति जावेद आनंद ने कहा है कि वह सबरंग एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने के सरकार के फैसले को चुनौती देंगे।
जावेद आनंद जो कि इस एनजीओ के ट्रस्टी भी है उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उनकी पत्नी तीस्ता सीतलवाड के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का लाइसेंस रद्द किए जाने से है वह आश्चर्यचकित नहीं हैं। वह इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे और सरकार के फैसले को चुनौती देंगे।
उन्होंने कहा कि सबरंग ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने को लेकर उन्हे किसी प्रकार का आधिकारिक पत्र नहीं मिला है लेकिन सरकार की वेबसाइट पर इसकी सूचना है। आनंद ने कहा कि उन्हे सरकार के इस फैसले पर कोई हैरानी नहीं लेकिन इतना समय क्यों लगा कार्रवाई में और क्या इसका गुलबर्ग नरसंहार मामले में आए फैसले से कोई संबंध हैं।
एनजीओ द्वारा कथित रूप से एफसीआरए कानून के उल्लघन से इंकार करते हुए आनंद कहते हैं कि वह कानूनी सलाह लेंगे और एनजीओ को रद्द किए जाने को चुनौती देंगे। उन्होंने एनजीओ के माध्यम से पैसों के हेर-फेर के आरोपों को भी बकवास करार दिया है।
जानकारी हो कि सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। ऐसा कथिततौर पर कई कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन के कारण किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश में कहा है कि जांच से दौरान सीतलवाड़ की संस्था सबरंग ट्रस्ट में कई अनियमितताएं पाई गईं।