सिरोही। राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर माउण्ट आबू के एक वर्ष में चार बार सेटेलाइट इमेजिंग तैयार करवाने के लिए राज्य सरकार ने करीब 20 लाख रुपए की स्वीकृति जारी कर दी है। माउण्ट आबू के वन क्षेत्र और भौगोलिक स्थिति में हो रहे परिवर्तनों की एक मीटर रिजोल्यूशन की सेटेलाइट इमेज तैयार की जाएगी। इससे भविष्य में माउण्ट आबू में अवैध निर्माण, अतिक्रमण और जंगलों का विनाश लगभग नामुमकिन हो जाएगा।…
मांगा था अग्रिम भुगतान
राजस्थान हाईकोर्ट में ईको सेंसेटिव जोन माउण्ट आबू में बढ रहे अवैध निर्माणों को रोकने के संबंध में भरत जैन ने जनहित याचिका दाखिल की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को माउण्ट आबू की सेटेलाइट इमेजिंग तैयार करने के आदेश दिए थे। इस आदेश पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने जोधपुर स्थित स्टेट रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से माउण्ट आबू की सेटेलाइट के माध्यम से हाइरेजोल्यूशन इमेजिंग की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। इसके आधार पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ टी एस शर्मा ने राज्य सरकार को इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजते हुए बताया कि यह कार्य हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिटं सेंटर से तैयार करवाया जाएगा, इसके लिए अग्रिम भुगतान करना होगा।
एक बार के करीब 3.80 लाख
शर्मा ने राज्य सरकार को भेजी रिपोर्ट में बताया कि एक मीटर रिजोल्यूशन की इमेजिंग कार्टोसेट-2 के माध्यम से तैयार की जाएगी। साल में एक बार इमेजिंग तैयार करने का शुल्क 3.80 लाख रुपए लगेगा। चार बार यह इमेजिंग मंगवाने के लिए 15.20 लाख रुपए शुल्क देना होगा। सरकार ने यह शुल्क देकर इमेजिंग तैयार करने का रास्ता तेयार कर लिया है।
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