लखनऊ। उत्तरप्रदेश में चल रहे मौजूदा विधानमंडल सत्र के दौरान बुधवार को विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सरकार को शर्मिदा होना पड़ा।
कृषि विपणन राज्यमंत्री स्वाति सिंह व खेलमंत्री चेतन चौहान विपक्ष के सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे पाए और प्रश्न संदर्भ समिति को भेज दिए गए। विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 बजे उच्चसदन पहुंच गए। प्रश्नकाल के दौरान पहला सवाल सपा के विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने उठाया।
उन्होंने कृषि विपणन मंत्री से मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अमित सिंह के 10 अगस्त, 2017 के उस पत्र के बारे में पूछा, जिसमें उन्होंने मुख्य अभियंता व ग्रेड-2 के अभियंताओं के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। लेकिन मंत्री स्वाति सिंह (मायावती के लिए अपशब्द कहने पर पार्टी से निष्कासित दयाशंकर सिंह की पत्नी) प्रश्न का ठीक से उत्तर नहीं दे पाईं। उन्होंने कह दिया कि जांच चल रही है।
इस पर सपा सदस्य ने पूछा कि क्या जांच के लिए तकनीकी सलाहकार समिति गठित हो गई है? मंत्री ने कहा कि अगर समिति गठित न होती तो जांच कैसे शुरू हो जाती। मंत्री के इस जवाब पर सदस्यों ने आपत्ति उठाई।
सदस्यों ने कहा कि सदन में अगर, मगर के जरिए उत्तर नहीं दिए जाते हैं। इस पर नेता सदन डॉ़ दिनेश शर्मा ने पूरे मामले को संभालते हुए कहा कि अभी तकनीकी सलाहकार समिति के गठन की प्रक्रिया चल रही है। यानी स्वाति सिंह की बात तुरंत झूठ साबित हो गई। इस पर सदस्यों ने इस प्रश्न को स्थगित करने की मांग की। सभापति ने यह प्रश्न संदर्भ समिति के पास भेज दिया।
वहीं, दूसरे प्रश्न पर खेलमंत्री चेतन चौहान भी एक प्रश्न का जवाब नहीं दे पाए। सपा के हीरा लाल यादव ने पूछा कि अंबेडकरनगर के स्टेडियम में किन-किन खेलों की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें कोच की क्या स्थिति है, लेकिन मंत्री इस प्रश्न का ठीक से जवाब नहीं दे पाए। सभापति रमेश यादव ने इस प्रश्न को भी प्रश्न संदर्भ समिति को भेज दिया। इस पर विपक्ष ने कहा कि योगी सरकार के मंत्री बिना तैयारी के सदन में आ रहे हैं।