नई दिल्ली। देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी विप्रो ने कर्मचारियों के कामकाज की वार्षिक समीक्षा के बाद अपने सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
सूत्रों के अनुसार विप्रो ने करीब 600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। कुछ चर्चाओं में यह संख्या 2,000 तक बताई जा रही है। दिसंबर 2016 के अंत तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख से अधिक थी।
संपर्क करने पर विप्रो ने कहा कि अपने कारोबार लक्ष्यों का अपने कार्यबल के साथ समायोजन करने के लिए वह नियमित आधार पर कर्मचारियों के कामकाज का मूल्यांकन करती रहती है।
यह कंपनी की रणनीति प्राथमिकताओं और ग्राहक की जरूरत के अनुसार किया जाता है।
इस मूल्यांकन के बाद कुछ कर्मचारियों को नौकरी छोडऩी पड़ती है जिनकी संख्या हर साल बदलती रहती है।