कानपुर। कहते है कि अगर मन में कोई भी शक हो तो उसे जल्द ही दूर किया जाए वरना वह नासूर बन जाता है। ऐसी ही घटना विठूर थानाक्षेत्र की जहां पत्नी के चरित्र पर शक करते हुए निर्दयी पति ने उसे आग के हवाले कर दिया।
90 प्रतिशत जलने के बाद पति व उसके परिजनों ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। जानकारी पर पहुंचे मायके पक्ष ने ससुरालियों पर हत्या का आरोप लगाया है।
पनकी कटरा निवासी छोटेलाल ने अपनी बेटी गीता की शादी दस साल पहले बिठूर निवासी अजय सिंह से की थी। दम्पति के एक सात साल का बेटा पवन है। वहीं वह राजमिस्त्री का काम करके घर का खर्चा चलाता था।
सात साल शादी के बीत जाने के बाद पति-पत्नी में अनबन होने लगी, जिससे घर में कलह शुरु हो गई। शुक्रवार की रात संदिग्ध हालत में विवाहित आग की चपेट में आने गंभीर रुप से झुलस गई।
पति व ससुरालियों ने बहू को हैलट अस्पताल में भर्ती कराकर भाग निकले। जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। अस्पताल कर्मचारियों ने घटना की जानकारी थाना पुलिस को दी। जांच पड़ताल करते हुए पुलिस ने मृतक की शिनाख्त कर घटना की जानकारी मायके पक्ष से फुफेरे भाई रामचन्द्र को दी।
मामले की जानकारी होने पर परिजन अस्पताल पहुंचे। जहां बेटी के नहीं मिलने पर मच्र्युरी में जाकर देखा तो उसका शव पड़ा हुआ था। वहीं पोस्टमार्टम हाउस में ससुराल की तरफ से कोई भी घरवाला नहीं दिखा। इस पर मायके पक्ष ने हंगामा शुरु कर दिया।
बवाल की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को शांत कराया। एसओ के पूछतांछ पर मृतक के परिजन से भाई ने यह आरोप लगाया है कि जीजा अजय सिंह बहन पर शक करता था और उसे चरित्रहीन बताकर मारता पीटता था। बहन के विरोध करने पर उसके पति व ससुरालियों ने जिन्दा जलाया है।
एसओ ने तहरीर लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एसओ का कहना है कि पीड़ित परिजनों से मिली तहरीर के आधार पर जांच पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले का खुलासा हो सकेगा।
निर्दयी बाप ने बेटे को मां के आखिरी दर्शन भी नहीं कराए
सात साल का बेटा जब वह कमरे में सो रहा था तब उसकी मां अस्पताल में जिन्दगी मौत की जंग लड़ रही थी। जिसमें वह हार गई और अस्पताल में उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
ससुरालियों ने खुद को फसता हुआ देख विवाहिता के शव को अस्पताल में छोड़कर भाग निकला। महिला का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने पार्थिव शरीर को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पत्नी की मौत की जानकारी होने के बाद भी निर्दयी पति उसे देखने तक नहीं गया और बेटे पवन को अपनी मां को आखिरी बार मिलने ही नहीं दिया।