
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में एक महिला अपने पति को छुड़ाने आई, मगर रिश्वत न देने पर पुलिस की बर्बरता की शिकार हो गई।
थाने में पहले उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया। विरोध करने पर उसके शरीर को आग के हवाले कर दिया गया। बुरी तरह झुलसी महिला ने मंगलवार को लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है।
प्रदेश में खाकी वर्दी वालों ने पत्रकार जगेंद्र की मौत के बाद जिंदा जलाने की यह घटना दोहराई है।
अवैध हिरासत में रखे गए अपने पति को छुड़ाने के लिए गढ़ा बसंतपुर से थाने में आई आंगनबाड़ी सेविका नीतू द्विवेदी से पहले थानाध्यक्ष ने, फिर एक दारोगा ने एक लाख रुपये रिश्वत मांगी।
रकम देने में असमर्थता जताने पर खाकी वर्दी वालों ने महिला की सोने की अंगूठी व चेन ले ली और उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।
दिल दहला देने वाली यह घटना बाराबंकी के कोठी थाने में रविवार को हुई।
दुष्कर्म का विरोध करने पर थानाध्यक्ष व दारोगा ने महिला पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। गंभीर रूप से झुलसी महिला को स्थानीय सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उसे लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे महिला ने दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री ने सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी। ऐसा कहना युवा मुख्यमंत्री की मजबूरी थी, क्योंकि खाकी वर्दी पर लगे भद्दे दाग छुड़ाने के लिए उन्हें बताया गया कि यह आत्महत्या का मामला है।
आरोपियों की अभद्रता व छेड़छाड़ से क्षुब्ध होकर महिला ने खुद को आग लगा ली। आग से लिपटी महिला को देख हड़कंप मच गया। चीखती-चिल्लाती थाने से बाहर निकली महिला की मदद के लिए लोग दौड़ पड़े। आग बुझाने के बाद पीड़िता के छोटे बेटे और थाने के दो सिपाहियों ने मिलकर उसे अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे लखनऊ रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
फजीहत से बचने के लिए मुख्यमंत्री ने थानाध्यक्ष और दारोगा को निलंबित करने का निर्देश दिया। घटना की संवेदनशीलता के मद्देनजर जिला और पुलिस प्रशासन चैकन्ना हो गया है। पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद, एएसपी शफीक अहमद और सीओ तौकीर अहमद खान ने थाने पहुंचकर जायजा लिया और प्रत्यक्षदर्शियों का बयान दर्ज किया।
जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा पीडि़त परिवार से मिले। उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष व दारोगा को निलंबित कर दिया गया है।