कानपुर। दशहरा त्यौहार पर्व पर सरसैया घाट गंगा नहाने आए परिवार के बच्चे को एक महिला चुराकर भाग रही थी। बच्चे को लेकर भाग रही महिला को पकड़ने के लिए परिवार के लोग भी पीछे दौड़े जहां थोड़ी दूर पर पब्लिक ने उसे पकड़ लिया।
कंट्रोम रुम में मिली सूचना पर पहुची कोतवाली पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया और बच्चे को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
मूलरुप से इटावा के बकेवर गांव निवासी सतीश कुमार गंगा नहाने के लिए सरसैया घाट निवासी बहनोई कृष्ण कुमार के बुधवार को घर आए।
गुरुवार की सुबह वह अपनी पत्नी लक्ष्मी बेटा आयुष (1) चचेरी बहन प्रीति व बहनोई के साथ सरसैया घाट गंगा स्नान करने पहुचे। जहां आयूष मां के साथ तखत पर बैठकर खेल रहा था और सभी परिवार के लोग गंगा स्नान रमें में जुटे हुए थे।
लक्ष्मी की नजर आयुष पर हटने के दौरान ही एक महिला गोद आई और गोद में आयुष को लेकर घाट से बाहर निकलने लगी। यह नजारा देख रही चचेरी बहन प्रीति ने शोर मचाया और महिला की पीछे दौड़ पड़ी, उसके साथ परिवार के लोग भी पीछे चल दिए।
शोरगुल के बीच भाग रही महिला को घाट के बाहर ही पब्लिक ने पकड़ लिया। बच्चे चोर कहकर लोग महिला को गाली-गलौज करने लगे। इसी बीच किसी ने सूचना पुलिस को दे दी।
सूचना पाकर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुच गई और भीड़ के बीच से महिला को बचाया और थाने ले आई। पुलिस पूछतांछ पर महिला पश्चिम बंगाल की निवासिनी पूनम है और अपने पति सेतू बेटे के साथ शहर आई हुई थी।
चोर नहीं मां थी वो…
पश्चिम बंगाल निवासी सेतू ने बताया कि वों रोजगार के लिए पत्नी एकलौते बच्चे के साथ शहर आया था। लेकिन यह पर काम न मिलने पर वह और उसका परिवार भूखा मरने लगा। इसी दौरान बच्चे की भी तबीयत बिगड़ गई। इलाज न मिल पाने से बेटे की मौत हो गई।
इकलौते बेटे की मौत के बाद पत्नी पूनम मानसिक विक्षप्त हो गई। पत्नी का इलाज सरकारी डाक्टर से कर रहे है। गुरुवार को पत्नी को गंगा घुमाने के लिए लेकर आया था इस बच्चे को देखकर वह अपना बेटा समझ लिया और उसे गोद में लेकर खिलाने लगी तभी बेटे के परिवार ने उसे बच्चा चोर समझ लिया।
एसओ हरीराम वर्मा का कहना है कि मामले को लेकर जांच करते हुए महिला का मेडिकल चेकअप कराया जायेगा इसके बाद ही मामले का सही खुलासा हो सकेगा।