लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार यूं तो बरेली में 50 वर्षीय एक महिला की मौत भूख से मौत होना स्वीकार नहीं कर रही है, लेकिन विपक्षी समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर दुखद व निराशा व्यक्त की है और इसे ‘सिस्टम’ की खामी करार दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा कि गरीब महिला की भूख से मौत लोकतंत्र पर धब्बा है। उन्होंने कहा कि अगर महिला बीमार थी और बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के लिए राशन दुकान पर अनाज लेने नहीं जा सकी, तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक प्रणाली होनी चाहिए।
44 वर्षीय सपा नेता ने कहा कि सिस्टम के नाम पर बनाए गए नियम किसी की जिंदगी से बड़ी नहीं है, यह काफी दुखद है। बरेली के प्रशासन ने हालांकि अपना यह रुख बरकरार रखा है कि शकीना की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है।
वहीं, शकीना के परिवार वालों का कहना है कि उसकी मौत भूख से हुई है, क्योंकि राशन लाने दुकान पर गए उसके पति को राशन इसलिए नहीं दिया गया कि राशन कार्ड शकीना के नाम पर था और वह खुद वहां नहीं जा सकी।
नायब तहसीलदार, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और जिला आपूर्ति अधिकारी की अधिकारियों के एक दल ने शकीना के पति और उसके बच्चों के बयान रिकार्ड किए हैं।
मीरगंज के एसडीएम राम अक्षय ने भुखमरी के कारण मौत को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि यह आधारहीन और झूठ है।
एसडीएम ने कहा कि हमने डीएम (जिलाधिकारी) को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इस तरह से कुछ भी आरोप नहीं लगाया गया है। मृतका के पास उसके बैंक खाते में 4,572 रुपए थे। तो अत्यधिक गरीबी का दावा सही नहीं है। हालांकि पड़ोसियों का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थी।
भाजपा शासित झारखंड में हाल ही में भूख से एक बच्ची सहित दो लोगों मौत हुई, लेकिन पहले इस पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया गया था।