कानपुर। ‘फानूस बनके जिसकी हिफाजत हवा करे, वो शमां भी क्या बूझे जिसकों रौशन खूदा करे यह शब्द उन रिश्तेदारों का है, जो महिला की मौत की खबर पर परिवार का दर्द बाटने के लिए पोस्टमार्टम हाउस आए थे।
महिला की मौत पर सभी परिवार के लोग रो रहे थे, उसी दौरान एक प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की किलकारियों से पोस्टमार्टम हाउस गूंज उठा, शिशु की रोने की आवाज सुनकर रो रहे परिवार में एक हल्की सी खुशी की लहर दौड़ पड़ी। बिना डाक्टर की मदद से सुरक्षित जन्में बच्चे व पत्नी को लेकर पति घर चला गया।
दरअसल घाटमपुर निवासी भाई बबोल की पत्नी रेखा की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। जहां परिवार ने घटना की जानकारी रिश्तेदारों को दी। भाभी की मौत की खबर सुनकर नर्वल भगवानखेड़ा निवासिनी चुन्नी अपने पति सुभाष के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंची, चुन्नी गर्भ से थी। पोस्टमार्टम में पहुंचे परिवार में रोना-पीटना मचा हुआ था।
उसी दौरान चुन्नी को अचानक पेट में तेज सा दर्द होने लगा। जब तक परिवार के लोग बेटी को अस्पताल लेेकर पहुंचते कि चुन्नी ने पोस्टमार्टम हाउस में ही बेटे को जन्म दे दिया। महिलाआ ने रिश्तेदारों से अंगौछा लेकर अपने तन की साड़ी की मदद से घेरा बन्दी कर प्रसूता का प्रसव कराया। चन्द क्षण में पोस्टमार्टम हाउस में चीख व चिल्लाने की आवाज किलकारियों में बदल गई।
बिना डाक्टर की मदद से सुरक्षित प्रसव हुआ। यह नजारा देख रहे परिवार व रिश्तेदारों ने पहले सावन के सोमवार के दिन जन्मे बेटे को भगवान शिव का औतार समझ कर कोटी-कोटी को भगवान को धन्यवाद दिया। सुरक्षित जच्चा-बच्चा को देखकर परिवार के लोग भी खुश थे। वहीं पति सुभाष ने बेटे व पत्नी को लेकर घर चला गया।।
कभी खुशी कभी गम
सड़क हादसे में बहू रेखा की दर्दनाक मौत हो जाने की खबर मिलने पर परिवार में जहां मातम पसरा हुआ था। वहीं पोस्टमार्टम हाउस में विवाहित बेटी चुन्नी के जन्मे बच्चे को देखकर घरवालो व रिश्तेदारों में एक खुशी भी थी। लेकिन जब ससुरालीजन व मायके पक्ष के लोग पोस्टमार्टम के बाद रेखा का शव देखा तो एक पल में खुशी भूलकर फिर रोने लगे।
चार बेटियो में जन्मा बेटा
पोस्टमार्टम हाउस में जन्मे इस बच्चे की किलकारियों को सून पूरा विभाग के कर्मचारी दंग रह गए। कर्मचारियों ने बताया कि कई बरस हो गए इस जगह काम करते हुए। लेकिन सभी के आंखो आसू ही देखे व चीख सुनाई दी है। लेकिन प्रभू की लीला ने सब को अचम्भित कर दिया और रो रहे परिवार में इस जन्मे बच्चें को देखकर आखों में खुशी के भी आसू दिखायी दिये। जानकारी पर आए रिश्तेदारों ने बताया कि सुभाष के चार बेटिया हैं और बेटे पाने के लिए उसने कई मन्दिर मस्जिद में दूआ मांगी, जो अब कबूल हो गयी।