लातेहार। अस्पताल में प्रसव का सुख उस महिला की किस्मत में नहीं था। गुरुवार रात बारह से एक बजे के बीच वह एनएच 75 पर लोगों से मदद की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी सुधि नहीं ली।
ऐसे में मजबूर होकर हेसला गांव निवासी सोनामनी देवी ने एनएच 75 पर ही बच्चे को जन्म दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी घटनास्थल से 20 मीटर भी नहीं है, इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मी उसे देखने तक नहीं आए।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ शिवपूजन शर्मा शुक्रवार को मार्निग वार्क के लिए अपने आवास से निकले थे। उन्होंने प्रसूता को देखा पर उसे नजर अंदाज कर चलते बने।
यही पर अंचल व प्रखंड कार्यालय के कई पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों का आवास और कार्यालय भी हैं लेकिन सरकारी बाबू तमाशबीन बने रहे। हालांकि लातेहार के कुछ लोगों ने सदर अस्पताल के डीएस डॉ सुलेंद्र प्रसाद सिंह के पास जाकर मामले से अवगत कराया लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।
बाद में लातेहार एसपी अनुप बिरथरे को फोन कर इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए लातेहार थाना प्रभारी को फोन कर फौरन प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने का निर्देश दिया।
उनका निर्देश मिलने पर थाना प्रभारी रमेश कुमार सिंह ने सदर अस्पताल से एम्बुलेंस मुहैया कराया। तब जाकर जच्चा-बच्चा को सदर अस्पताल लाया गया। अस्पताल में दोनों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
गौरतलब है कि सोनामनी देवी हेसला गांव निवासी नंदकिशोर अगेरिया की पत्नी है। वह अपने घर हेसला से गुरुवार दोपहर 2 बजे तीनों बच्चों को लेकर आधार कार्ड बनाने के लिए लातेहार तक की लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की।
वह अपने बच्चों का आधार कार्ड बनाना चाहती थी। उसके लातेहार पहुंचते-पहुंचते शाम हो चुकी थी। उसने सोचा कि अब तो रात हो गई है। सुबह होते ही बच्चों का आधार कार्ड बनवा लेगी। पर महिला के पास पैसे नहीं थे और बच्चे भूख से तड़प रहे इसके बाद बच्चों का पेट भरने के लिए उसने पास के एक होटल में जाकर खाना मांगा।
होटल मालिक ने उसकी दयनीय स्थिति को देखते हुए उसे खाना दिया। तब उस रात मां ने बच्चों को खाना खिलाया। बच्चों को खिलाकर वह भूखे पेट ही रैन बसेरे में सो गई। रात के करीब 12 से 1 बजे के बीच में उसे प्रसव पीड़ा हुई।
प्रसव पीड़ा से वह इस दौरान तड़पती और चिल्लाती रही लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। इसके बाद महिला ने एनएच 75 पर ही पुत्र को जन्म दिया।