गुवाहाटी। असम में एक बार फिर से एक वृद्ध महिला को डायन बताकर ग्रामीणों ने सरेआम कला काटकर उसकी हत्या कर दी।
घटना उपरी असम के शोणितपुर जिला के विश्वनाथ चाराली थाना अंतर्गत भीमाजुली एक नंबर गांव में बीते कल घटी। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की छानबीन आरंभ कर दी है।
ग्रामीणों के अनुसार महिला काला जादू करती थी। वह डायन थी। इसलिए ग्रामीणों ने उसे सजा दी है। इसमें किसी का दोष नहीं है। गिरफ्तार सातों संदिग्ध आरोपियों को छुड़ाने के लिए सैकड़ों महिलाओं ने मंगलवार को थाने का घेरा किया।
घटना के अनुसार गांव के कुछ उत्तेजित लोगों ने पूर्णी ओरांग (65) नामक एक वृद्ध महिला के डायन होने के संदेह में बीते कल घर से पीटते हुए नदी के किनारे ले गए और बाद में उसकी गला रेतकर सिर को धड़ से अलग कर दिया।
कुछ लोग इतने उत्तेजित थे कि उन्हें अपने इस घिनौने काम पर जरा भी अफसोस नहीं हुआ, बल्कि मीडिया के सामने महिला की हत्या करने की बात को खुलकर स्वीकार किया।
भीमाजुली गांव में पिछले कुछ दिनों से अनिमा रांग्हांपी नामक एक महिला पर कथित रूप से देवी सवार होने की बात को लेकर काफी चर्चा थी। छोटी-मोटी बीमारी से पीड़ित कुछ ग्रामीण इस महिला के पास इलाज के जाते थे।
लेकिन बिना किसी वजह अनिमा रांग्हांपी ने सोमवार को ग्रामीणों से कहा कि पूर्णी नामक एक महिला ने डायन पाल रखी है और वह गांव में रात को छोड़ देती है। यह बात सुनकर कुछ ग्रामीण भड़क उठे एवं अनिमा के पति बलीराम बे के साथ वे लोग पूर्णी के घर पहुंचे और उसे रस्सी से बांधकर घसीटते हुए नदी किनारे ले जाकर हत्या कर दी।
घटना की जानकारी मिलने के बाद काफी देर बाद पुलिस अधीक्षक सज्जाद हुसैन के नेतृत्व में पुलिस तथा अर्द्धसैनिक बलों के जवान मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। साथ ही मुख्य अभियुक्त बलिराम, राजू और नरेन रांग्हांग नामक तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं अनिमा रांग्हांपी फरार हो गई। बाद में अन्य चार लोगों को भी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार कर लिया।
घटना की प्राथमिक जांच से पता चला है कि पूरा मामला आपसी रंजीश का है। पुलिस ने इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। वहीं आज थाने का घेराव कर रही महिलाओं को काबू में करने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है।
इस घटना को लेकर पूरे राज्य में सनसनी का माहौल व्याप्त है। लोगों ने कहा कि सरकार की ओर से डायन हत्या को लेकर रोकने संबंधी उठाए गए सभी तरह के कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं।