झुंझुनू। एक गर्भवती महिला, जो अस्पताल पहुंचती है तो अपनी किताबों के साथ, वहां पर बेटे को जन्म देने के चंद घंटों के बाद ही पहुंच जाती है परीक्षा केंद्र। मामला झुंझुनूं का है। जहां की भड़ौंदा कलां निवासी सरोज ने जो साहस दिखाया है।
उसे हर कोई सलाम करेगा और पढ़ाई को लेकर बेटियां कितनी चिंतित रहती है। उसके लिए भी यह जीता जागता प्रमाण है। जानकारी के मुताबिक भड़ौंदा कलां की रहने वाली सरोज पत्नी विक्रमसिंह गर्भवती थी।
सोमवार को अचानक उसके दर्द उठा तो वह अपनी किताबों को साथ लेकर झुंझुनू के इंदिरा नगर स्थित ढाका अस्पताल पहुंची। जहां पर चिकित्सकों ने कुछ मिनट बाद ही उसकी सामान्य डिलीवरी करवा दी। डिलीवरी के बाद सरोज ने चिकित्सक को बताया कि उसकी परीक्षा है।
डिलीवरी के महज दो घंटे बाद ही चिकित्सक की परमिशन से सरोज शहर राजकीय मोरारका कॉलेज पहुंची। जहां पर स्टाफ को जब मामले की जानकारी लगी तो उन्होंने विशेष प्रबंध किए और सोफे पर लिटाकर उसे परीक्षा दिलवाई।
इसके बाद वे वापिस आकर अस्पताल में भर्ती हो गई। सरोज ने बताया कि वह अपना एक साल बर्बाद नहीं होना देना चाहती थी।साथ ही बताया उसे परीक्षा देने में कोई परेशानी भी नहीं हुई और पेपर अच्छे से हल हो गया।
सरोज एमससी प्रीवियस के केमेस्ट्री का पेपर दे रही है। चिकित्सक डॉ. संतोष ढाका ने भी सरोज के जज्बे को सलाम किया।