कानपुर। बिधनू थानाक्षेत्र में घटी सनसनीखेज वारदात ने इलाके में चर्चा का विषय बना दिया। कलयुगी भाभी व देवर की प्रेमकहानी का दि एंड भाभी की मौत रहा। घटना है मझावन चैकी के अटवा मिर्जापुर गांव की है, जहां पर देवर को दिल दे बैठी भाभी ने गोली मारकर मौत की राह चुन ली।
उधर घटना के बाद से देवर मौके पर से फरार है। चैकीदार की सूचना पर पहुंची बिधनू पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटना स्थल की जाँच करवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मिर्जापुर अटवा निवासी बाबूराम पासी किसानी करता है और उसके परिवार में बीवी व छह लड़के हैं। शिवनाथ, दिनेश, धर्मेन्द्र, शोमनाथ, पप्पू व विशाल है। परिवार में दो लड़कों की शादी हो चुकी है। जिनमें बाबूराम का बड़ा बेटा शिवनाथ अपनी पत्नी गुड़िया व दो बच्चों के साथ गांव के बाहर रहता है। मंगलवार सुबह जब बाबूराम अपने परिवार के साथ खेतों पर काम करने चला गया और घर उस समय दिनेश की पत्नी रामदुलारी व तीसरे नम्बर का बेटा धर्मेन्द्र मौजूद थे।
रामदुलारी के अनुसार गुड़िया जब घर पर आयी तो वो बाहर नल में पानी भरने चली गयी। इसी बीच घर के अंदर से जोरदार आवाज आई और जब वो घर के अंदर पहुंची तो गुड़िया खून से लथपथ चारपाई में पड़ी थी। पास ही 315 बोर का तमंचा भी मौजूद था। ये देखकर रामदुलारी के पैरों तले जमीन खिसक गयी और भागते हुए खेतों में पहुंची और परिवारीजनों को घटना की जानकारी दी।
शिवनाथ की पत्नी और धर्मेन्द्र के थे अवैध सम्बंध
बाबूराम के बड़े बेटे शिवनाथ की शादी सात साल पहले सरसौल निवासी छोटे की पुत्री गुड़िया (26) के साथ हुई थी। शादी के कुछ सालों बाद शिवनाथ के भाई धर्मेन्द्र व गुड़िया के बीच नाजायज ताल्लुकात हो गये। जानकारी के मुताबिक इसकी जानकारी गुड़िया के मायके पक्ष को भी थी। कुछ दिन पूर्व ही मृतका का पिता छोटे अपनी बेटी को समझाने के लिए आया था।
शादी बनी घटना की वजह
अभी कुछ दिनों पूर्व ही धर्मेन्द्र के रिश्ते की बात नौबस्ता में चल रही थी। जिसका गुड़िया ऐतराज करती थी और इसी बात को लेकर कुछ दिन पहले ही उसने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश भी की थी। लेकिन परिवारिजनों ने मौके पर पहुंचकर जान बचा ली।
प्रेमी के सामने दी जान
सूत्रों के अनुसार घटना के वक्त धर्मेन्द्र घर पर ही मौजूद था। गुड़िया के मायके वालों ने धर्मेंन्द्र को उसके घर जाने से मना कर दिया था। इसी वजह से गुड़िया खुद सुबह तकरीबन 9:30 बजे पर धर्मेन्द्र के घर पहुंची और रामदुलारी के घर के बाहर जाते ही अपने प्रेमी के सामने खुद को गोली मार मौत के घाट उतार लिया।
घटना के बाद से धर्मेन्द्र हुआ फरार
ग्रामीणों के मुताबिक धर्मेन्द्र घटना के वक्त घर पर ही मौजूद था और वारदात का मुख्य गवाह है, क्योंकि घटनास्थल पर धर्मेन्द्र नहीं नजर आया। हालांकि की उसे किसी ने मौके से भागते हुए नहीं देखा, लेकिन जब पिता बाबूराम से उसके बारे में पूछा गया तो उसने बात को टालते हुए जानकारी से इंकार किया।
प्यार के आगे अंधी हुई ममता
मृतका गुड़िया प्यार में इतना अंधी हो गयी थी उसे अपने दो मासूम बच्चों शिवा व पलक का भी ख्याल नहीं आया और उसने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया। वहीं मां की मौत के बाद बच्चे कुछ समझ ही नहीं पा रहे है कि आखिर उनकी मां कुछ क्यों नहीं बोल रही है।
पुलिस के लिए तमंचा बना चुनौती
बिधनू पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती बना है घटना में प्रयुक्त हुआ 315 बोर का तमंचा। तमंचा कौन लाया और कहां से और कैसे आया महिला के पास। क्या मझावन में है देशी असलहों का कारखाना ? फिलहाल इस ओर भी पुलिस जांच कर रही है।
फारेंसिक व पुलिस टीम को नहीं मिला बुलेट
घटनास्थल पर काफी देर तक तलाश करने के बाद भी फारेंसिक टीम के हाथ बुलेट नहीं लगा। इससे साफ है कि वारदात के बाद परिवारिजनों द्वारा घटनास्थल पर सबूत हटाने की कोशिश की गई है।
क्या कहती है पुलिस
बिधनू एसओ रामलाल पांडेय ने बताया कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता कि घटना के पीछे क्या वजह है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही हत्या या आत्महत्या का स्पष्ठ हो पायेगी। एसओ से जब तमंचे के बारे में पूछा गया तो उन्हांेने कहा तमंचा ही जाँच का मुख्य विषय है। वहीं परिवारिजनों व आसपास रहने वालों से भी पूछतांछ की जा रही है।