चंडीगढ़। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतिया इलाके में एक महिला अपने पति के घर के सामने धरने पर बैठी है। पिछले 11 दिनों से धरने पर बैठी ज्योति नाम की महिला पति को पाने के लिए सोशल मीडिया पर भी कैपेंन चला रही है।
ज्योति उर्फ अलीशा ने बताया कि उन दोनों की मुलाकात मई 2010 में फरीदाबाद में हुई थी। वह वहां जर्नलिज्म का कोर्स कर रही थी और अपनी मौसी के पास रहती थी। उसने बताया कि पड़ोस में ही साहिल पीजी में रहता था।
वहां वह इंजीनियरिंग का कोर्स कर रहा था। किसी तरह उन दोनों का कॉन्टैक्ट हो गया और बाद में एक-दूसरे से फोन पर भी बात करने लगे।
ज्योति के अनुसार हालांकि इस बीच किसी बात को लेकर दोनों में मनमुटाव हो गया और उसने साहिल को दूर रहने के लिए कहा, लेकिन साहिल नहीं माना। आखिर में दोनों परिवारों की सहमति से नवंबर 2012 में शादी हो गई।
ज्योति का कहना है कि 2012 में उसकी शादी साहिल के साथ हुई थी। पिछले साल दिसंबर में उसके पति साहिल व ससुरालवालों ने उसे छोड़ दिया, लेकिन वह न तो पति को छोडऩा चाहती है और ना ही ससुरालवालों को।
उसका यह भी कहना है कि 4 अगस्त को उसके पति साहिल का जन्म दिन है और वह साहिल का जन्म दिन भी यहीं मनाएगी। ज्योति का कहना है कि जब से उसकी साहिल से मुलाकात हुई है, हर साल उसका जन्म दिन मनाया है और इस बार भी उसे मनाना चाहती है।
उसका कहना है कि हो सकता है कि इससे उसके पति के मन में कोई बदलाव आए। इसी कामना को लेकर वह पति का जन्म दिन मनाएगी।
जब से ज्योति अपने पति के घर के बाहर धरने पर बैठी है, तब से ससुराल के बाहर गेट पर ताला लगा है और ससुराल वाले वहां से गायब हैं। अपने पति को पाने और ससुराल में बसने के लिए अब वह धरना देकर बैठी है।
उसकी एक ही जिद है कि वह पति और ससुराल वालों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी और फिर से इसी घर में पति और परिवार के लोगों के साथ बहू के तौर पर रहेगी।
दिसंबर 2015 में उसका पति साहिल नौकरी का बहाना बनाकर उसे छोड़कर चला गया और बाद में ससुराल के लोगों ने भी उसे जाने के लिए कहा। इसके बाद ज्योति अपने मायके चली गई, लेकिन ससुराल पक्ष की ओर से उसे लाने का कोई प्रयास नहीं किया।
उसके ससुर की गांव में ही किराने की दुकान है। ज्योति ने कहा कि वह ससुराल घर में ही रहना चाहती है, क्योंकि शादी के दौरान उसने जो वादे किए थे, उन्हें निभाना चाहती है।
अब ज्योति ने खाना-पीना भी छोड़ दिया है। वह दिनभर ससुराल के घर के बाहर चुन्नी ओढ़कर लेटी रहती है। किसी के जाने पर कुछ नहीं बोलती। वह न तो अपनी फैमिली का संपर्क नंबर दे रही है और ना ही कुछ खाने-पीने के लिए तैयार होती है। बस एक ही बात कहती है कि यहां पर उसकी डोली आई थी और अर्थी ही उठेगी।