नासिक। महाराष्ट्र में नासिक के त्र्यबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने के संघर्ष में आखिरकार महिलाओं को सफलता मिल गई है।
मंदिर प्रशासन ने महिलाओं को इस शर्त के साथ मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दे दी है कि वे पवित्र स्नान और गीले कपड़ों में मंदिर के भीतर जा सकती हैं।
स्वराज्य महिला संगठन की अध्यक्ष वनिता गट्टे ने कहा कि उन्होंने अपनी सहयोगियों के साथ सुबह लगभग 6 बजकर पांच मिनट पर दर्शन किया। उन्होंने कहा, दर्शन करके हम धन्य हो गई हैं। हमें कड़ा मुकाबला करना पड़ा। बुधवार को हम पर हमला किया गया लेकिन यह स्त्री शक्ति की जीत है।
गट्टे ने कहा कि परिसर में सहायक पुलिस अधीक्षक प्रवीण मुंढे और अन्य के नेतृत्व में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त था। मंदिर में भीड़ कम थी और छोटी पंक्ति लगी थी लेकिन हमें गर्भगृह में प्रवेश और दर्शन करने दिया गया।
मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश करने पर गट्टे और लगभग 14 महिलाओं को पुजारियों, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष और ग्रामीणों ने पीटा। बाद में उन्होंने भारतीय दंड संहिता और महाराष्ट्र हिन्दू सार्वजनिक पूजा स्थल(प्रवेश अधिकार) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई।
डॉ मुंढे ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में धारा 354(महिला के समान पर आघात) समेत कई अन्य मामले भी दर्ज किए गए हैं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस बीच, इस मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुए स्थानीय लोगों ने बंद का आह्वान किया है। उल्लेखनीय है कि दो सप्ताह पहले महिलाओं ने राज्य के शनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश किया था।