![पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के समुचित प्रयास : अनिता भदेल पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के समुचित प्रयास : अनिता भदेल](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2017/03/Child-Development-minister-anita-bhadel.jpg)
![Women and Child Development minister anita bhadel](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2017/03/Child-Development-minister-anita-bhadel.jpg)
जयपुर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है। यही नहीं पोषाहार के निरीक्षण के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण भी किए जाते हैं।
भदेल प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में पोषाहार में गुणवत्ता रखने के लिए वाट्सगु्रप बन गए हैं, जहां से प्रतिदिन पोषाहार से जुड़ी सैकड़ों फोटो अधिकारियों को मिलती है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष विभाग ने 5 हजार 349 नमूनों की जांच की थी। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी समय-समय पर जांच करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के प्रस्ताव आते रहते हैं और परीक्षण और जनसंख्या के अनुसार शुरू किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के चयन में पूरी पारदर्शिता बरती जाती है। ग्रामसभा के जरिए प्रस्ताव लिए जाते हैं और अभ्यर्थी का मेरिट के अनुसार चयन होता है। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 400 रुपए और सहायिका का 250 रुपए मानदेय बढ़ाया था।
इस बजट में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय इंसेटिव बेस्ड कर दिया है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में 42 आंगनबाड़ी केंद्र नए खोले जा रहे हैं और सिवाना में 07 नए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए स्वीकृति दी है।
उन्होंने कहा कि सिवाना में 15 आंगनबाड़ी केंद्र अक्रियाशील हैं और 04 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यदि इनको क्रियाशील कर दिया जाए तो कुल 19 आंगनबाड़ी केंद्र मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिले में 166 आंगनबाड़ी केंद्र अक्रियाशील हैं, यदि उन्हें ही दोबारा चालू करवा लिया जाए तो नए केंद्रों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
किराए पर चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया का विभागीय स्तर पर होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 03 हजार रुपये किराया तय किया हुआ है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार स्वयं सेवी सहायता समूहों द्वारा ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार का वितरण किया जाता है।
गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियम बनाएं गए और चेक लिस्ट के अनुसार पोषाहार की जांच होती है। इससे पहले विधायक हमीर सिंह भायल के मूल प्रश्न के जवाब में भदेल ने कहा कि विभाग द्वारा बाड़मेर जिले में 42 नवीन आंगनबाडी केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं, जिसका विवरण उन्होंने सदन की मेज पर रखा।
विधानसभा क्षेत्र सिवाना में 7 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं। जिनका विवरण भी उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत महिलाओं की आयु को 58 वर्ष पूर्ण मानकर सेवा से नहीं हटाया जा रहा है।
विभाग के दिशा निर्देशानुसार 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर मानदेय सेवा से पृथक किया जाता रहा है। भदेल ने कहा कि यह राज्य कर्मचारी न होकर मानदेय कार्मिक हैं, इन्हें पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही लाभ देने का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है।