

रतलाम। न्यायाधीश रंजीता सोलंकी के मुख्य आतिथ्य एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी फारूक अहमद सिददीकी के विशेष आतिथ्य में ग्राम भाटीबडोदिया में लघु विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
सोलंकी ने कहा कि महिलाओं, माता-पिता को भरण-पोषण अधिनियम के अंतर्गत अपने पति अथवा संतान से भरण पोषण प्राप्त करनें का अधिकार है। न्याय सभी के लिये है। न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है।
गरीब असहाय लोग न्याय पाने से वंचित न हो इसी उददेश्य से नि:शुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्रदान की जाती है तथा लोगों को विधिक सहायता के बारे में जानकारी देने के लिए समय-समय पर विधिक साक्षरता शिविर आयेाजित किए जाते है।
उन्होंने कहा कि वृद्धजन को भी कई अधिकार दिए गए है तथा उनके अधिकारो के संरक्षण के लिए माता-पिता, भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 बनाया गया है, जिसके अंतर्गत ऐसे माता-पिता जिनकी संतान के द्वारा उनका भरण-पोषण नहीं किया जाता है।
माता-पिता की समस्त सम्पत्ति हड़पकर अपने नाम करा ली जाती है और समाज में दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर कर दिया जाता है ऐसे माता-पिता के लिए इस अधिनियम के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत होने पर भरण-पोषण दिलाया जाता है तथा ऐसा अंतरण भी जॉच के पश्चात शून्य घोषित किया जा सकता है।
सिददीकी जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा ग्रामीणजनों को बताया गया कि न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है इस उददेश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आर्थिक रूप से कमजोर एवं असहाय पीडितों की मदद के लिए विभिन्न योजना संचालित करता है जैसे नि:शुल्क विधिक सलाह एवं सहायता योजना, लोक अदालत, अपराध पीडित प्रतिकार योजना आदि शामिल है।