सबुगुरु न्यूज-सिरोही। छुटभैयों को राजनीतिक पार्टी में महत्वपूर्ण पद देने से कद्दावार नेताओं को किस तरह की किरकिरी झेलनी पड़ती है इसकी बानगी सिरोही में देखने को मिली। पद की खुमारी में कायदों को ताक में रखकर महिला पुलिसकर्मी से बदजबानी का खामियाजा यह हुआ कि नेताजी को सबकी नजरों में किरकिरी उठानी पड़ी।सिरोही के बात अहिंसा सर्किल की है। करीब एक पखवाड़े पहले एक नेताजी खुमारी में अपनी बिना नबर की मोटरसाइकिल को बेतरतीब खड़ी करके लग गए पंचायती में। उधर से गुजर रही महिला पुलिस अधिकारी ने बेतरतीब खड़ी मोटरसाइकिल को देखा तो उसके बारे में पूछा, नेता जी मूछों को ताव देते हुए आए और कहा मेरी है। सही ढंग से खड़ी करने का कहने पर नवपल्लवित नेताजी मूंछों का ताव ढीले करने को तैयार नहीं थे। इस पर महिला पुलिस अधिकारी ने नेता की मोटरसाइकिल उठवाई और कोतवाली में जमा कर दी।
नेता को फिर खुमारी चढ़ी और धमकाया कि खुद लौटाने आओगी। नेता ने यह बात अपने आका को बताई तो उन्होंने भी पुलिस के आला अधिकारियों से मोटर साइकिल पहुंचाने को कहा, लेकिन नवनिर्मित छुटभैये नेता की खुमारी ढीली करने के मूड में आए आला अधिकारियों ने भी ऐसा करने से मनाही कर दी, तो नवनिर्मित नेता के हाकिम ने भी खुमारी में कह दिया कि मोटरसाइकिल नहीं पहुंचाओ तो जला देना। स्वाभिमान के लिए पुलिस भी टस से मस नहीं हुई।
कई दिनों तक मोटरसाइकिल पुलिस थाने मे पड़ी रही। अब नवनिर्मित नेता बड़ी बेशर्मी से मुस्कुराते हुए उसी मोटर साइकिल को सबको यह कहकर अपना चेहरा दिखाते घूम रहे हैं कि महिला पुलिस अधिकारी खुद में उन्हें यह लौटाने आई थी। अब पुलिस लौटाने गई या नेता खुद लेकर आए यह हकीकत पुलिस और नेता जाने, लेकिन महिला पुलिस अधिकारी के स्वाभिमान को चोट पहुंचाने पर जिस तरह से पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने भी नेताओं की खुमारी उतारने के लिए समर्थन किया वह काबिले तारीफ रहा और नेता के हाकिमों के लिए एक सबक कि पार्टी मे इस तरह के लोग उनका स्वागत कम करवाएंगे किरकिरी ज्यादा।