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BEAUTIFUL DULHOUSIE | लाजवाब पर्वतीय नजारों से भरा डलहौजी
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लाजवाब पर्वतीय नजारों से भरा डलहौजी

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लाजवाब पर्वतीय नजारों से भरा डलहौजी

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गर्मियों कि वेकेंशन आते ही, सभी हिल स्टेशन कि ओर रुख करते है। क्योंकि तपतपाती गर्मी में हिल स्टेशन कि ऐसी जगह है जहां थोड़ा सुकून मिलता है। ऐसे ही सुकून भरी जगहों में से एक है, हिमाचल डलहौजी, जिसे अंग्रेजों ने बसाया था।

अंग्रेजी शासन काल से ही यह सबसे रोचक और मोह लेने वाला पर्यटन स्थल बना हुआ है। पर्यटकों को और आकृषित करने के लिए अब वहां नए नए रिजॉर्ट खुल रहे हैं जो उसे और ज्यादा लोकप्रिय बना रहे हैं।(VIDEO: बॉयफ्रेंड के ब्लैकमेल करने पर लड़की ने किया सुसाइड) यहां कोर्ट रोड पर बने द मौल नामक रिजौर्ट के सामने ही यहां का मेन मार्केट है। फ्री वाईफाई, बाथरूम शावर व अन्य सुविधाओं से लैस रिजौर्ट पर्यटन स्थल को अब और मनभावन बना रहे हैं। वैसे तो डलहौजी का मौसम तो सालभर सुहाना रहता है लेकिन सब से उपयुक्त समय अप्रेल से जून और अक्तूबर से दिसंबर के बीच का माना जाता है।

आकृर्षक और लाजवाब

समुद्रतल से 2 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह टाउन 13 किलोमीटर के छोटे से क्षेत्रफल में फैला है। हिमाचल प्रदेश में पर्वतीय सौंदर्य से घिरा डलहौजी अनोखी छाप छोड़ देता है (VIDEO: 5 टॉप वाटर प्रूफ स्मार्टफोन अपकमिंग 2017) कि यहां बारबार आने का मन करता है। 19वीं सदी में अंगरेज शासकों का बसाया गया यह टाउन,ऐतिहासिक महत्त्व और प्राकृतिक रमणीयता के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहां मौजूद शानदार गोल्फ कोर्स, प्राकृतिक अभयारण्य और 3 नदियों की जलधाराओं के संगम जैसे अनेक स्थलों के आकर्षण में बंधे हजारों पर्यटक हर वर्ष आते हैं। मज़ेदार वीडियो प्राकृतिक सौंदर्य, मनमोहक आबोहवा, ढेरों दर्शनीय स्थल और देवदार के घने जंगलों से घिरा डलहौजी, हिमाचल प्रदेश के चंपा जिले में स्थित खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह स्थल 5 पहाडि़यों कठलौंग, पोट्रेन, तेहरा, बकरोटा और बलून पर बसा है।

औषधियों के गुुणों से भरपूर सतधारा

डलहौजी से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर बसा पंचपुला का नाम यहां पर मौजूद प्राकृतिक कुंड और उस पर बने छोटे छोटे 5 पुलों के आधार पर रखा गया है।(VIDEO: पति के आदमियों से शारीरिक संबंध पत्नी ने की खुदकुशी) यहां से कुछ दूरी पर एक अन्य रमणीय स्थल सतधारा झरना स्थित है। कभी यहां 7 जलधाराएं बहती थीं, लेकिन अब केवल एक ही धारा बची है। ऐसी मान्यता है कि सतधारा का जल प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर और अनेक रोगों का निवारण करने की क्षमता रखता है।

खजियार बिना अधुरी है यात्रा

डलहौजी हिल स्टेशन की यात्रा बगैर खजियार देखे अधूरी ही लगती है। यह स्थल डलहौजी से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दरअसल, खजियार उस मनमोहक झील के लिए प्रसिद्ध है जिस का आकार तश्तरीनुमा है। यह स्थल देवदार के लंबे और घने जंगलों के बीच स्थित है। (BJP NETA VIDEO VIRAL युवती से जबरन बनाए शारीरिक संबंध)गोल्फ खेलने के शौकीन पर्यटकों को यह स्थान विशेषरूप से पसंद आता है क्योंकि यहां एक शानदार गोल्फ कोर्स भी मौजूद है। इसके साथ ही, व्यास, रावी और चिनाब नदियों का अद्भुत संगम यहां से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डायनकुंड में देखा जा सकता है।

कुछ दिलचस्प तथ्य

ऐसा अनुमान लगया जाता है कि 1853 में अंगरेजों ने पौर्टिरन, कठलोश, टेहरा, बकरोटा और बलून पहाडि़यों को चंबा के राजाओं से खरीद था।(VIDEO: इस आदमी ने कार में CNG भरने की जल्दी की तो गार्ड ने मारी गोली) इसे बाद ही इसका नाम लौर्ड डलहौजी के नाम पर डलहौजी रख दिया गया। साथ ही बलून पहाड़ी पर उन्होंने छावनी बसाई, जहां आज भी छावनी क्षेत्र है। डलहौजी के पास भूरी सिंह संग्रहालय है जिसे राजा भूरी सिंह ने 1908 में दान किया था।

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