पाली। पाली शहर के सबसे बड़े औद्योगिक समूह बांगड़ मिल के श्रमिकों की पिछले छह दिन से चल रही हड़ताल शनिवार दोपहर सांसद पी.पी. चौधरी के प्रयासों से समाप्त हो गई।
विगत 2 मई को सुबह 6.30 बजे की पहली पारी से ही मजदूर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर गए थे। श्रमिकों के आंदोलन के चलते कई बार मिल प्रबंधन व श्रमिकों के बीच वार्ताओं का दौर चला मगर सफलता नहीं मिली।
इसी दौरान मिल में तीनों पारियों के श्रमिक हड़ताल पर चले गए। श्रमिकों ने मिल में मोबाईल ले जाने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर शुरू हुए विरोध तथा बाद में विभिन्न कई मांगों की फेहरिस्त बढ़ गई जो कि लगभग 15 सूत्री मांग पत्र में बदल गई। जिसमें मुख्य रूप से वेतन व ईनामी राशि की मांग मुख्य थी।
लोकसभा सत्र चलने के कारण सांसद दिल्ली में थे, लेकिन सुबह जोधपुर पहुंचते ही वे पाली के लिए रवाना हुए तथा उम्मेद मिल्स लि. में पिछले 6 दिनों से हड़ताल कर रहे श्रमिकों के बीच पहुंच कर उनकी समस्याएं सुनी।
सांसद ने मिल मजदूरों की विशाल सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं मजदूर हितों के साथ हूं और हमारी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मजदूरों के हितों हेतु देश में सबसे पहले कानून बनाया। प्रधानमंत्री की सोच समाज के अंतिम छौर पर बैठे व्यक्ति चाहे वह किसान हो, मजदूर हो उनकी खुशहाली के बारे में रहती है। वह उनके लिए कानून भी बना रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी मजदूरों के मान-सम्मान के लिए हमेशा कटिबद्ध है। अगर मजदूर नहीं हो तो उद्योग नहीं रहेंगे, मजदूरों की वजह से ही उद्योगों को मजबूती मिलती है। इसलिए औद्योगिक घरानों को भी मजदूरों के हितों की रक्षा करनी होगी।
उन्होंने अपने उद्बोधन में मजदूरों को सचेत किया कि यदि वे उद्योग को मजबूत नहीं करेंगे तो उनका अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। इसलिए उद्योगों को मजबूती प्रदान करने के लिए उन्हें अपना पूर्ण योगदान देना होगा।
मिल मजदूरों की मांगों को उचित बताते हुए सांसद ने मिल के अधिकारियों व प्रशासन को चेताया और कहा कि उन्हे मजदूरों की मांगों को मान लेना चाहिए। उन्होंने मिल प्रशासन को स्पष्ट शब्दों में कहा कि आप मजदूरों की सभी मांगों को स्वीकार करो। मजदूर अपनी मेहनत से कभी भी मिल को घाटे में नहीं जाने देगा।
सांसद ने मजदूर प्रतिनिधियों और मिल के अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की और उन्होंने मिल के अधिकारियों को मजदूरों की मांगों को मानने के लिए निवेदन किया। मिल अधिकारियों ने काफी विचार विमर्श के बाद सांसद की बात रखते हुए मिल मजदूरों की सभी मांगों को स्वीकार कर दिया।
तत्पश्चात् जब सांसद पी.पी. चौधरी ने यह समझौता निर्णय मिल मजदूरों को सुनाया तो उनमें खुशी की लहर फैल गई तथा उपस्थित मिल मजदूरों ने सांसद को कन्धों पर बैठाकर झूलूस निकाला।